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पंजाब में दवा माफिया की खैर नहींः कोल्ड्रिफ़ कफ सीरप समेत 8 दवाओं पर सरकार ने लगाया बैन

ओएसडी टू सीएम अमनजोत सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों और मरीज़ों की जान के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राइवेट क्लीनिक और मेडिकल स्टोर्स को तुरंत इन प्रतिबंधित दवाओं का मौजूदा स्टॉक वापस करने के आदेश दिए गए हैं। सभी डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और फार्मासिस्टों को विशेष सूचना भेजकर इन दवाओं के विकल्प तलाशने और मरीजों को सुरक्षित दवाएं देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि कोई भी मरीज इन खतरनाक दवाओं का शिकार न बने।
ओएसडी टू सीएम अमनजोत सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जो भी मरीज़ इन दवाओं के कारण किसी भी प्रकार की प्रतिकूल प्रतिक्रिया या स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे है, उनकी विस्तृत रिपोर्ट तुरंत विशेषज्ञ समिति को भेजी जाए। विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है जो ऐसे सभी मामलों की गहन जांच करेगी और प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए विशेष प्रोटोकॉल तैयार करेगी। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दवाओं की गुणवत्ता जांच और निगरानी प्रणाली को और मज़बूत बनाया जा रहा है।
ओएसडी टू सीएम अमनजोत सिंह ने बताया कि सरकार ने आम जनता, मरीज़ों और चिकित्सा कर्मचारियों के लिए व्यापक जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत लोगों को बताया जा रहा है कि कौन-कौन सी दवाएं प्रतिबंधित है और किसी भी संदिग्ध दवा के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूर ले। मेडिकल स्टाफ को हर आदेश का सख्ती से पालन करने और मरीज़ों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के विशेष निर्देश दिए गए है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी खतरनाक दवा गलती से भी किसी मरीज़ तक न पहुंचे, सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष निगरानी व्यवस्था लागू की गई है।
ओएसडी टू सीएम अमनजोत सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार ने राज्य के सभी नागरिकों और अभिभावकों से विशेष अपील की है। अगर किसी के घर में इन प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक मौजूद है या किसी मरीज को इन दवाओं के सेवन से कोई साइड इफेक्ट या स्वास्थ्य समस्या हुई है, तो वे तुरंत अपने नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र, ज़िला चिकित्सा अधिकारी या ड्रग कंट्रोल विभाग से संपर्क करे। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए है जहां 24 घंटे सहायता उपलब्ध है। प्रशासन हर शिकायत को गंभीरता से लेगा और तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
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