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पंजाब के सीएम भगवंत मान ने दीपावली और बंदी छोड़ दिवस की दी शुभकामनाएं
अपने बधाई संदेश में मुख्यमंत्री मान ने कहा कि सदियों से प्रेम और समृद्धि का त्योहार दीपावली पूरी श्रद्धा और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया जाता रहा है। दीपावली की जगमगाती रोशनी न केवल हर घर को रोशन करती है, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और निराशा पर आशा की जीत का भी प्रतीक है। यह दीपावली एक बार फिर लोगों के लिए शांति, समृद्धि और खुशियां लेकर आएगी और साथ ही उनके बीच सांप्रदायिक सद्भाव, शांति और भाईचारे के बंधन को मजबूत करेगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 1612 में दीपावली के दिन छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब द्वारा ग्वालियर किले से 52 हिंदू राजकुमारों की रिहाई के उपलक्ष्य में ऐतिहासिक बंदी छोड़ दिवस पर पूरे देशवासियों, विशेषकर सिख पंथ को बधाई दी।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जाति, रंग, पंथ और धर्म के संकीर्ण विचारों से ऊपर उठकर पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ दीपावली और बंदी छोड़ दिवस मनाएं, जिससे सद्भाव, सौहार्द और सद्भावना के बंधन मजबूत हों।
सीएम मान ने कहा, "दीपावली और बंदी छोड़ दिवस प्रदेश की जनता के लिए भरपूर आनंद के साथ-साथ शांति और समृद्धि लेकर आए।"
इस बीच अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सिखों से बंदी छोड़ दिवस (1 नवंबर) पर अपने घरों और अन्य इमारतों को बिजली की रोशनी से सजाने से परहेज करने को कहा है। क्योंकि यह उसी दिन पड़ता है, जब 1984 के सिख विरोधी दंगों की 40वीं बरसी है।
उन्होंने इसके बजाय पारंपरिक घी के दीये अपनाने को कहा।
उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘एक नवंबर 1984 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के संरक्षण में राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के 110 शहरों और कस्बों में सिखों का निर्दयतापूर्वक बेरहमी से नरसंहार किया गया था।’’
--आईएएनएस
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