Public welfare schemes of the state are the subject of discussion across the country: Chief Minister Gehlot-m.khaskhabar.com
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Mar 26, 2023 5:41 am
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विधानसभा : राज्य की जनकल्याणकारी योजनाएं देशभर में चर्चा का विषय : मुख्यमंत्री गहलोत

khaskhabar.com : शुक्रवार, 03 फ़रवरी 2023 4:09 PM (IST)
विधानसभा : राज्य की जनकल्याणकारी योजनाएं देशभर में चर्चा का विषय : मुख्यमंत्री गहलोत
- केंद्र सरकार पूरे देश में लागू करे पुरानी पेंशन योजना

-मुख्यमंत्री ने दिया धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब

जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार के कुशल आर्थिक प्रबंधन के कारण राजस्थान की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। चिरंजीवी, इन्दिरा रसोई, इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गांरटी योजना, उड़ान और ओपीएस जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ राज्य निरंतर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। सरकार द्वारा जनघोषणा पत्र के लगभग 80 प्रतिशत वायदे पूरे कर लिए गए हैं तथा बाकी 20 प्रतिशत प्रगतिरत हैं।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान 11.04 प्रतिशत आर्थिक विकास दर के साथ देश के सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे राज्यों में दूसरे स्थान पर है, जबकि वर्ष 2018-19 में यह दर महज 2.37 प्रतिशत थी। आज प्रदेश करीब चार गुना गति से आगे बढ़ रहा है।

केन्द्रीय बजट से आम लोगों और किसानों में निराशा

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार का बजट राजस्थान के लिए काफी निराशाजनक रहा क्योंकि ईआरसीपी को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं की गई। केन्द्र सरकार ने 2014 के बाद बने नए मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज खोलकर राजस्थान मॉडल अपनाया है क्योंकि हमारे यहां सभी जिलों में नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। हमारी रूरल टूरिज्म पॉलिसी की तर्ज पर केन्द्र सरकार ‘देखो अपना देश’ योजना लेकर आई है। केन्द्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बजट को घटाया है। कृषि में बजट को 5 प्रतिशत, फसल बीमा में 12, किसान सम्मान निधि में 13, मनरेगा में 33, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 31, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन में 30, केमिकल फर्टिलाइजर में 21 तथा ग्रामीण विकास का बजट 12 प्रतिशत कम किया है। यह दर्शाता है कि ये बजट आम लोगों एवं किसानों को कोई राहत नहीं देने वाला है।

नवाचारों की देशभर में हो रही सराहना

गहलोत ने कहा कि राजस्थान के नवाचारों की देशभर में सराहना हो रही है। राजस्थान में किसान बजट को 94 प्रतिशत बढ़ाया गया है। चिरंजीवी योजना के माध्यम से यूनिवर्सल हेल्थ केयर की संकल्पना को साकार किया जा रहा है। मनरेगा में 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार दिया जा रहा है। पहली बार मनरेगा की तर्ज पर इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना संचालित कर शहरों में रोजगार दिया जा रहा है। उड़ान योजना में 12 सैनिटरी नैपकिन प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। इन्दिरा रसोई के माध्यम से 8 रुपये में ताजा एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। राज्य में पहली बार महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलकर गरीब परिवार के विद्यार्थियों को भी निःशुल्क अंग्रेजी शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत निजी क्षेत्र में कोचिंग लेने वाले बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। राजीव गांधी स्कॉलर्शिप फॉर एकेडमिक एक्सिलेंस के तहत 200 बच्चों की करोड़ों रुपये तक की फीस का पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। राजस्थान पुरानी पेंशन योजना बहाल करने वाला देश का पहला राज्य है।

केन्द्र से अपील

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) राज्य की महत्त्वाकांक्षी परियोजना है, जिससे 13 जिलों को सिंचाई और पेयजल मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधनों में इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का समर्थन किया है। देश में पहले भी ऐसी 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया है। प्रदेश के पक्ष-विपक्ष के सभी जनप्रतिनिधियों को एक साथ मिलकर प्रधानमंत्री के आगामी दौसा दौरे पर उनसे ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग करनी चाहिए।

पेपरलीक, एक राष्ट्रव्यापी समस्या

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपरलीक आज एक राष्ट्रव्यापी समस्या बन गई है। इसको लेकर देश के युवाओं में गहरी चिंता है। यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है। राजस्थान ही नहीं बल्कि अन्य राज्य भी पेपरलीक की समस्या से अछूते नहीं हैं। हाल ही में गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों की विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। यहां तक कि पूर्ववर्ती सरकार के समय में भी कई परीक्षाओं के पेपर लीक हुए थे। पेपर रद्द होने पर युवाओं को होने वाली पीड़ा से हम परिचित हैं, परन्तु पेपर रद्द नहीं होने पर पात्र अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सकेगा।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पेपर लीक को रोकने के लिए कानून बनाया है। राजस्थान में पेपर लीक के सारे मुकदमे स्वयं सरकार ने दर्ज किए और कार्रवाई की। पेपर लीक माफिया की संपत्ति ध्वस्त की गई है। आवश्यकता पड़ेगी तो और सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस समस्या का समाधान पक्ष और विपक्ष दोनों को मिलकर करना चाहिए।

बजट का 7 प्रतिशत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पर

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान बजट का 7 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च करने वाला देश का एकमात्र राज्य है। पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में हेल्थ का बजट दोगुना कर दिया गया है। प्रदेश में यूनिवर्सल हेल्थ केयर लागू किया गया है एवं राइट टू हेल्थ लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 31 लाख लाभार्थियों को 3100 करोड़ रुपये का इलाज उपलब्ध करवाया जा चुका है। अभी तक 464 मरीजों के लीवर, किडनी, हार्ट ट्रांसप्लांट व कॉक्लियर इंप्लांट निशुल्क किए जा चुके हैं। राजस्थान का इंश्योरेंस कवरेज 2015-16 में 19 प्रतिशत था जो अब 90 प्रतिशत हो गया है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 16 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 22, पंजाब में 25, हरियाणा में 26, मध्य प्रदेश में 38 तथा गुजरात में 44 प्रतिशत है। निःशुल्क दवा योजना में 2011-12 में 117 करोड़ रुपये खर्च होते थे जो इस वर्ष करीब 1500 करोड़ तक पहुंच जाएगा। राज्य में 1451 तरह की दवाएं निःशुल्क दी जा रही हैं। निःशुल्क जांच योजना के अंतर्गत रोजाना लगभग 1.50 लाख जांचें निःशुल्क किकल तथा 2 नर्सिंग कॉलेज ही खोले गए। पूर्ववर्ती सरकार के समय एमबीबीएस की 150 तथा पीजी की 50 सीटे ही बढ़ी, जबकि एक भी नया प्राईमरी स्कूल, आयुष हेल्थ वैलनेस सेंटर व ब्लॉक आयुष हॉस्पिटल नहीं खोला गया।

बिजली के क्षेत्र में आगे बढा राजस्थान

शिक्षा और स्वास्थ्य से लेकर बिजली, सड़क, पानी, उद्योग आदि तक सभी क्षेत्रों में गत 4 सालों में राज्य ने शानदार प्रगति की है। राज्य में 50 यूनिट तक घरेलू बिजली मुफ्त दी जा रही है। इस छूट से करीब 39 लाख उपभोक्ताओं का बिजली का बिल शून्य हो गया है। सौर ऊर्जा क्षमता स्थापना में आज राजस्थान देश में प्रथम है। 1 लाख करोड़ रुपये के सोलर क्षेत्र में निवेश के एमओयू किए गए हैं। विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क भड़ला, राजस्थान में स्थापित हो रहा है। अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापना में राजस्थान देश में प्रथम है। आरआरईसीएल को 2022 में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार मिला है।

राज्य में विकसित हो रहा उत्कृष्ट सड़क तंत्र

राजस्थान में सड़कों का उत्कृष्ट तंत्र विकसित हुआ है। राज्य सरकार द्वारा 25,285 करोड़ रुपये खर्च कर 54,923 किमी सड़कों के निर्माण और विकास कार्य किए जा चुके हैं। करीब 27,618 करोड़ रुपये लागत से 47,315 किलोमीटर सड़कों का निर्माण और विकास कार्य चल रहा है। 4 साल में करीब 1 लाख किलोमीटर सड़कों का विकास हुआ है। जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने केवल 49,878 किमी सड़कों का निर्माण किया और सड़कों के निर्माण पर 19,472 करोड़ रूपए का ही व्यय किया।

प्रदेश में इन्वेस्ट राजस्थान समिट में देश-दुनिया के बड़े उद्योगपति आए और 11 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साईन हुए। इनमें से 49 प्रतिशत एमओयू का क्रियान्वयन हो रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए एमएसएमई कानून जैसी नीतियां बनाई गई है। प्रदेश में हर सब डिविजन में रीको द्वारा औद्योगिक क्षेत्र खोले जा रहे हैं। कृषि आधारित उद्योगों के लिए एग्रो प्रोसेसिंग, एग्री बिजनेस एवं एग्री एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी लाई गई है।

किसानों के लिए अलग बजट

किसानों के लिए देश में पहली बार पृथक कृषि बजट पेश किया गया। कृषि का बजट 2018-19 की तुलना में लगभग दोगुना कर दिया गया है। 21 लाख किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये का कर्जमाफ हुआ। कृषि कनेक्शन पर 1000 रुपये प्रति महीने सब्सिडी से 8.93 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य हो गया है। पूर्ववर्ती सरकार ने अपने 4 साल में फसल बीमा के 5,822 करोड़ के मुआवजे दिए, 31,940 करोड़ रूपये का कृषि बिजली अनुदान दिया एवं 1,77,226 कृषि बिजली कनेक्शन दिए गए। वहीं वर्तमान सरकार ने अपने 4 साल में 18,177 करोड़ रूपये के फसल बीमा मुआवजे दिए, 60,754 करोड़ रूपये का कृषि बिजली अनुदान दिया तथा 3,27,459 कृषि बिजली कनेक्शन जारी किए। राज्य सरकार ने 4 सालों में इंदिरा गांधी नहर की 108 किमी रिलाइनिंग की है ताकि नहर का पानी व्यर्थ न बहे। सरहिंद फीडर की 84 किलोमीटर रिलाइनिंग की गई है।

प्रदेश में बेहतर हुई कानून व्यवस्था

राजस्थान में एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब 5 प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं जबकि मध्यप्रदेश, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड समेत 17 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं। गुजरात में अपराधों में करीब 69 प्रतिशत, हरियाणा में 24 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। हत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध एवं अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है। सबसे अधिक कस्टोडियल डेथ्स (हिरासती मौतें) गुजरात में हुईं हैं। नाबालिगों से बलात्कार यानी पॉक्सो एक्ट के मामले में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है। एससी-एसटी से जुड़े अपराधों में उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे हैं।

अनिवार्य पंजीकरण नीति का ही परिणाम है कि 2017-18 में 33 प्रतिशत एफआईआर कोर्ट के माध्यम से सीआरपीसी 156(3) के तहत इस्तगासे द्वारा दर्ज होती थीं परन्तु अब यह संख्या सिर्फ 13 प्रतिशत रह गई है। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का ही नतीजा है कि 2017-18 में बलात्कार के मामलों में अनुसंधान समय 274 दिन था जो अब केवल 68 दिन रह गया है। पॉक्सो के मामलों में अनुसंधान का औसत समय 2018 में 232 दिन था जो अब 66 दिन रह गया है। 2015 मे एससी-एसटी एक्ट के करीब 51 प्रतिशत मामले अदालत के माध्यम से सीआरपीसी 156(3) से दर्ज होते थे। अब यह संख्या महज 10 प्रतिशत रह गया है। अनिवार्य पंजीकरण की नीति से पीड़ितों एवं फरियादियों को संबल मिला है एवं वे बिना किसी भय के थाने में अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं।

कुछ लोगों ने हमारी सरकार की एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की नीति का दुरुपयोग किया है एवं झूठी एफआईआर भी दर्ज करवाईं। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में 2019 में महिला अपराधों की 45.28 प्रतिशत, 2020 में 44.77 प्रतिशत एवं 2021 में 45.26 प्रतिशत एफआईआर जांच में झूठी निकली।

गहलोत ने अंत में प्रतिपक्ष के रचनात्मक सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार जनहित को लेकर उनके सुझावों को तवज्जो देगी। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष एवं प्रतिपक्ष मिलकर संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन देने में भागीदारी निभाएं।

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