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शिमला में कुत्तों बंदरों के आतंक के खिलाफ नगर निगम कार्यालय पर धरना प्रदर्शन

वक्ताओं ने बात रखते हुए कहा आय दिन देखने को मिल रहा है कि कुत्तों, बंदरों ,लंगूरों द्वारा शिमला शहर के लोगों खासकर महिलाओं, बच्चों को काटने की घटनाएं प्रतिदिन बढ़ रही है , जो शिमला शहर की जनता के लिए बहुत बड़ा खतरा बना हुआ है जुलाई में लगभग 250 ओर अगस्त में 300 से ज्यादा लोगों बन्दर,कुत्तों या फिर लंगूरों ने कटा है और इसी बहुत सी घटनाएं है जिनकी जानकारी दी है नहीं गई ।
शिमला शहर अपने विशिष्ट चरित्र व प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनिया भर में पारसी है , दुनिया भर से पर्यटक / पर्यावरण प्रेमी हर साल यह आते है लेकिन इन कुत्तों , बंदरों के आतंक से जहां एक ओर पर्यटकों को खतरा है बल्कि शिमला नगर निगम की भी किरकिरी पूरे विश्व / देश में हो रही है
स्मार्ट सिटी के तहत शिमला शहर में रेन शेल्टर बनाए हो , बस स्टॉप बनाए हो सब अब जगह कुत्तों के समूह मौजूद है मानो शिमला स्मार्ट सिटी इन्हीं के लिए बनाई हो ।
शिमला शहर में पैदल चलना मुश्किल हो गया है , खासकर महिलाओं और स्कूल के बच्चों को ये ज्यादा निशाना बनाते है । सुबह सैर पर जा रहे हो या स्कूल , अस्पताल , कार्यालय कही भी जाना नामुमकिन हो गया है
शिमला नागरिक सभा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जल्द इन समस्याओं पर गोर करते हुए शिमला शहर की जनता को राहत दी तो नागरिक सभी शिमला के हर वार्ड में जाकर लोगों को लामबंद कर आंदोलन की ओर जाएगी प्रदर्शन में नागरिक सभा के पूर्व अध्यक्ष विजेंदर मेहरा , जगत राम ,कोषाध्यक्ष सुनील वशिष्ठ संजीव खजूरिया, राजीव ठाकुर, रंजीव कुठियाला, डॉ राजेंद्र चौहान डॉ विजय कौशल, जगदीप पावर , सोनिया सवरवाल, अंकित दुबे , आयुषी पुंडीर, दलीप सिंह, मथुरा दास, रमाकांत मिश्रा , किशोरी ड़डवालिया, प्रताप चौहान, रत्ती राम , प्रकाश, पंकज।,नवीन , आदि उपस्थित रहे
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