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बाढ़ और अतिवृष्टि से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारी

उदयपुर। जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने शुक्रवार सुबह जिला परिषद सभागार में संभावित बाढ़ एवं अतिवृष्टि को लेकर तैयारी बैठक ली। बैठक में उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि आगामी दिनों मानसून समय विभिन्न आपदाओं की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए गत वर्षों से बेहतर तैयारी करें, पूर्व के अनुभवों से सीख लेकर आगे का प्लान बनाएं। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में गत वर्षों में लोगों के पानी में बहने की घटनाएं हुई है वहाँ अभी से दौरा कर साइनेज लगवाने की कार्यवाही समय से पूर्ण कराएं जिससे कि हादसों को रोका जा सके। इसी प्रकार बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना, जल भराव की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्य योजना बनाने, जल प्रवाह मार्गों की सफाई आदि को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि आपदा की स्थिति उत्पन्न होने पर सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपना फोन चालू रखें, अगर कोई पीड़ित व्यक्ति फोन करता है तो उसकी शिकायत को गंभीरता से सुन कर त्वरित राहत देने का प्रयास करें।
कलेक्टर ने बैठक में आपदा की स्थिति उत्पन्न होने पर नावों एवं नाव चालकों की उपलबद्धता, गोताखोरों की व्यवस्था, डिजल पंप सेट की उपलब्धता सहित बाढ़ की स्थिति में रस्से, बल्लियाँ, खाली कट्टे एवं अन्य बचाव उपकरणों को लेकर भी अधिकारियों से समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा। नगर निगम को बाढ़ बचाव हेतु मानव शक्ति जैसे होम गार्ड, तैराक एवं गोताखोरों की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा नगर निगम, यूआईटी, जल संसाधन एवं पीडबल्यूडी को ट्रक, ट्रेक्टर ट्रॉली आदि की व्यवस्था रखने हेतु कहा। सीएमएचओ को वर्षाकाल के दौरान फैलने वाली मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु दवाइयों की उपलब्धता रखने, जीवन रक्षक दवाइयों एवं अतिवृष्टि के समय मोबाइल चिकित्सा व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। पशुपालन विभाग को पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के प्रति सतर्क रहने की बात कही। ऐसे ही नगर निगम को सड़कों की मरम्मत, नालों एवं गटरों की सफाई समय पर करने की बात कही। डीएसओ को पर्याप्त खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित करने, बीएसएनएल को संचार तंत्र सुचारू रखने, जल संसाधन विभाग को सायरन वार्निंग सिस्टम मानसून पूर्व स्थापित कर उसका परीक्षण करने एवं विद्युत विभाग को वर्षा काल में विद्युत आपूर्ति के संबंध में निर्देशित किया।
बैठक में जिला परिषद सीईओ सलोनी खेमका, नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत, डीएसओ नरेश बुनकर, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) आशा मांडावत सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने बैठक में आपदा की स्थिति उत्पन्न होने पर नावों एवं नाव चालकों की उपलबद्धता, गोताखोरों की व्यवस्था, डिजल पंप सेट की उपलब्धता सहित बाढ़ की स्थिति में रस्से, बल्लियाँ, खाली कट्टे एवं अन्य बचाव उपकरणों को लेकर भी अधिकारियों से समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा। नगर निगम को बाढ़ बचाव हेतु मानव शक्ति जैसे होम गार्ड, तैराक एवं गोताखोरों की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा नगर निगम, यूआईटी, जल संसाधन एवं पीडबल्यूडी को ट्रक, ट्रेक्टर ट्रॉली आदि की व्यवस्था रखने हेतु कहा। सीएमएचओ को वर्षाकाल के दौरान फैलने वाली मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु दवाइयों की उपलब्धता रखने, जीवन रक्षक दवाइयों एवं अतिवृष्टि के समय मोबाइल चिकित्सा व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। पशुपालन विभाग को पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के प्रति सतर्क रहने की बात कही। ऐसे ही नगर निगम को सड़कों की मरम्मत, नालों एवं गटरों की सफाई समय पर करने की बात कही। डीएसओ को पर्याप्त खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित करने, बीएसएनएल को संचार तंत्र सुचारू रखने, जल संसाधन विभाग को सायरन वार्निंग सिस्टम मानसून पूर्व स्थापित कर उसका परीक्षण करने एवं विद्युत विभाग को वर्षा काल में विद्युत आपूर्ति के संबंध में निर्देशित किया।
बैठक में जिला परिषद सीईओ सलोनी खेमका, नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत, डीएसओ नरेश बुनकर, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) आशा मांडावत सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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