Advertisement
कृष्ण की मुरली ने दी डीएम को नई सोच, निकाला यह आदेश
पीलीभीत। जिलाधिकारी डाॅ.अखिलेश मिश्र ने बांसुरी उद्योग को पटरी पर लाने के लिए एक नई पहल की है। उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रम और भेंट के अवसर पर दिये जाने वाले बुके के स्थान पर बांसुरी व पुस्तक उपहार देने की पहल की है। इस पहल के पीछे कुटीर उद्द्योग को बढ़ावा देने की डीएम की सोच है। उनका यह प्रयास बांसुरी व्यापार को उबारने में सार्थक पहल साबित हो सकता है।
बांसुरी कुटीर उद्योग जिले भर में फैला हुआ है। इसका प्रमुख केंद्र नगर ही है। यह लोगों के रोजगार का साधन भी है। इस व्यवसाय की विशेषता यह है कि इस उद्द्योग से अल्पसंख्यक बड़ी संख्या में जुड़ा है। उनका इस पर एकाधिकार है। रोजी रोटी के व्यवसाय के साथ उनकी कला का यह विश्व प्रसिद्ध अद्भुत बेजोड़ नमूना भी है।
यह व्यवसाय अरसे से कठिनाइयों के थपेड़े झेलता हुआ भी अपने को जीवंत किये है। साधनों के आभाव और उपेक्षाओं के संकटों से जूझता हुआ भी ये अपना अस्तित्व और पहचान बनाये हुए है। छोटी लाइन के बंद होने से असम से आने वाला कच्चा माल यानी बांस आने में कठिनाई हो रही है। उद्यमियों का लगभग 20 गुना अधिक व्यय के कारण मुनाफा कम और लागत अधिक होने से बांसुरी कारोबार पर काफी असर पड़ा है।
धीरे धीरे इस कार्य में चौथाई परिवार ही लगे रह गए है। बांसुरी उद्योग के इस संकट स्थिति में प्रदेश सरकार ने एक जिला एक उद्योग के तहत पीलीभीत को बांसुरी उत्पादन के लिए चुना है। जिससे डीएम की यह पहल अब उम्मीद की नई किरण दिखाई दे रही है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
पीलीभीत
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement