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पंचायत सचिव हड़ताल पर, ग्राम पंचायत की बैठकों का प्रधानों ने कर दिया बहिष्कार

हमीरपुर। जिला परिषद कैडर के तकनीकी सहायक, सचिव, ब्लॉक जेई हड़ताल पर चल रहे हैं। 2 अक्टूबर को जिला की सभी ग्राम पंचायत में 9 मुख्य विषयों पर चर्चा के लिए ग्राम पंचायत का आयोजन किया जाना था लेकिन हमीरपुर ब्लॉक में पंचायत प्रधानों ने इन बैठकों का बहिष्कार कर दिया जिस कारण निर्धारित एजेंडा पेंडिंग पड़ गया है।
यह एजेंडा सीधा ग्राम पंचायत स्तर तक विकास कार्य को लेकर था।
हमीरपुर ब्लाक में 31 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें 29 ग्राम पंचायत का बहिष्कार प्रधानों ने किया। पंचायत प्रधान संगठन ने हमीरपुर में बाकायदा बैठक आयोजित कर बहिष्कार करने वाले प्रधानों ने साफ कहा कि जिन कर्मचारियों की ड्यूटी सचिवों की जगह लगाई गई थी वह उन्हें मान्य नहीं है क्योंकि मनरेगा की असेसमेंट पेमेंट से संबंधित कार्य कैसे होंगे जो फैसला बैठक में लिए जाने थे उनसे संबंधित जानकारी भी होना जरूरी थी।
कौन-कौन रहे बहिष्कार में शामिलः
चगंर पंचायत के प्रधान अनिल, दडूही की ऊषा बिरला, ब्राह्मलडी के अरविंद, जंगलरोपा के अश्विनी, बजूरी की सीमा, फरनोल की सुनीता, धनेड की कुंडला,शासन की अंजना, अमरोह की स्नेह, गसोता सहित दूसरी पंचायत के प्रधानों ने बहिष्कार किया। संगठन के पदाधिकारी अनिल, उषा, विपिन, ज्योति का कहना है कि जिन लोगों की यहां डयूटियां लगाई गई थी उनमें सिलाई टीचर, कंप्यूटर ऑपरेटर और दूसरे कर्मचारी शामिल थे। उनका कहना है कि दिव्यांगजन कल्याण डाटा संग्रहण, टीबी मुक्त अभियान, बीपीएल परिवारों की समीक्षा, नशा निवारण जागरुकता, स्वच्छता जागरुकता और हर घर जल जैसे महत्वपूर्ण विषय भी एजेंडे में शामिल किए गए थे।
बहिष्कार के कारण ग्राम सभा के एजेंडे नहीं हो पाए पासः
ग्राम पंचायत की बैठकों में भूस्खलन को रोकने के उपायों, सुरक्षित भवन निर्माण, उपयुक्त जल निकासी, अग्निशमन से संबंधित प्रबंधों और अन्य उपायों पर भी ग्राम सभाओं में मंथन करने के आदेश थे। लेकिन पंचायत सचिव हड़ताल पर है ऐसे में पंचायत प्रधानों ने भी बहिष्कार किया क्योंकि बैठकों में तभी एजेंडों पर विचार विमर्श किया जा सकता था जब सचिव होते।
उनका कहना है कि मनरेगा के तहत जो कार्य किए जाने हैं उनकी पेमेंट पंचायत सचिव ना होने के कारण और तकनीक की सहायक भी हड़ताल पर होने के कारण असेसमेंट कैसे हो पाएगी यह बड़ी समस्या सामने आ गई है क्योंकि यह सभी कार्य विकास कार्यों से जुड़े हुए हैं।
हमीरपुर ब्लाक में 31 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें 29 ग्राम पंचायत का बहिष्कार प्रधानों ने किया। पंचायत प्रधान संगठन ने हमीरपुर में बाकायदा बैठक आयोजित कर बहिष्कार करने वाले प्रधानों ने साफ कहा कि जिन कर्मचारियों की ड्यूटी सचिवों की जगह लगाई गई थी वह उन्हें मान्य नहीं है क्योंकि मनरेगा की असेसमेंट पेमेंट से संबंधित कार्य कैसे होंगे जो फैसला बैठक में लिए जाने थे उनसे संबंधित जानकारी भी होना जरूरी थी।
कौन-कौन रहे बहिष्कार में शामिलः
चगंर पंचायत के प्रधान अनिल, दडूही की ऊषा बिरला, ब्राह्मलडी के अरविंद, जंगलरोपा के अश्विनी, बजूरी की सीमा, फरनोल की सुनीता, धनेड की कुंडला,शासन की अंजना, अमरोह की स्नेह, गसोता सहित दूसरी पंचायत के प्रधानों ने बहिष्कार किया। संगठन के पदाधिकारी अनिल, उषा, विपिन, ज्योति का कहना है कि जिन लोगों की यहां डयूटियां लगाई गई थी उनमें सिलाई टीचर, कंप्यूटर ऑपरेटर और दूसरे कर्मचारी शामिल थे। उनका कहना है कि दिव्यांगजन कल्याण डाटा संग्रहण, टीबी मुक्त अभियान, बीपीएल परिवारों की समीक्षा, नशा निवारण जागरुकता, स्वच्छता जागरुकता और हर घर जल जैसे महत्वपूर्ण विषय भी एजेंडे में शामिल किए गए थे।
बहिष्कार के कारण ग्राम सभा के एजेंडे नहीं हो पाए पासः
ग्राम पंचायत की बैठकों में भूस्खलन को रोकने के उपायों, सुरक्षित भवन निर्माण, उपयुक्त जल निकासी, अग्निशमन से संबंधित प्रबंधों और अन्य उपायों पर भी ग्राम सभाओं में मंथन करने के आदेश थे। लेकिन पंचायत सचिव हड़ताल पर है ऐसे में पंचायत प्रधानों ने भी बहिष्कार किया क्योंकि बैठकों में तभी एजेंडों पर विचार विमर्श किया जा सकता था जब सचिव होते।
उनका कहना है कि मनरेगा के तहत जो कार्य किए जाने हैं उनकी पेमेंट पंचायत सचिव ना होने के कारण और तकनीक की सहायक भी हड़ताल पर होने के कारण असेसमेंट कैसे हो पाएगी यह बड़ी समस्या सामने आ गई है क्योंकि यह सभी कार्य विकास कार्यों से जुड़े हुए हैं।
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