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स्मारक के कला और प्रदर्शन कार्य के लिए 149 करोड़ रूपए के ऑनलाइन टेंडर मांगेः विज
चंडीगढ़। गृह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहाकि भारत को आजाद कराने की पहली ज्वाला अंबाला की पवित्र भूमि में ही भभकी थी। इसके बाद ही देश को आजादी मिली। आज हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं। वर्तमान और भविष्य की पीढियों को आजादी का इतिहास बताने के लिए अंबाला छावनी में लगभग 540 करोड़ रूपए की लागत से आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक निर्मित किया जा रहा है। इस स्मारक के कला और प्रदर्शन कार्य की 149 करोड़ रूपए की ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की है। जिसकी अंतिम तिथि 5 जून, 2023 है।
विज ने बताया कि कला और प्रदर्शन कार्य में विकास, आपूर्ति, खरीद, एकीकरण, निष्पादन, सॉफ्ट सामग्री, संचालन और रखरखाव सहित 3 वर्षों के लिए प्रदर्शन, स्थापना, लाईटिंग व्यवस्था और डिजिटल उपकरण सहित आंतरिक कार्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ‘कला और प्रदर्शनी कार्य’ का काम जुलाई के महीने में शुरू होने की संभावना है और फरवरी, 2024 में पूरा होने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि सलाहकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार, ‘कला और प्रदर्शन कार्य’ के निष्पादन के लिए सरकार द्वारा 175.83 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इस कला और प्रदर्शन कार्य के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए बोली दस्तावेज को भी सरकार से अनुमोदित किया गया है और तदनुसार निविदा आमंत्रित की गई है।
स्मारक का कार्य दो चरणों में होगाः
विज ने बताया कि अंबाला छावनी में निर्मित किए जा रहे ‘आजादी की पहली लड़ाई के स्मारक’ के निर्माण की परियोजना को हरियाणा सरकार से मंजूरी मिली है। इसकी कुल लागत 539.39 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। सरकार द्वारा 437.90 करोड़ रुपए की मंजूरी पहले दी जा चुकी है। इस परियोजना को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाना है जिसके तहत सिविल कार्य और दूसरा कला एवं प्रदर्शन कार्य शामिल हैं।
सिविल कार्य 86 प्रतिशत पूराः
विज उन्होंने बताया कि सिविल कार्य हरियाणा पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) विभाग द्वारा आवंटित किया गया है। जिसमें व्याख्या केंद्र भवन, संग्रहालय, ओपन एयर थियेटर, सभागार, वाटर बॉडी, मेमोरियल टॉवर, डबल बेसमेंट कार पार्किंग, स्टाफ क्वार्टर, सूचना केंद्र, हेलीपैड शामिल है। उन्होंने बताया कि 252 करोड़ रुपए खर्च कर लगभग 86 प्रतिशत कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। शेष कार्य प्रगति पर है।
अतीत को वर्तमान से जोड़ने का काम करेगाः
विज ने बताया कि अंबाला छावनी में यह स्मारक अतीत को वर्तमान से जोड़ने का काम करेगा। लोगों को उन शहीदों के बलिदान को याद रखने और उनका सम्मान करने में सक्षम बनाएगा। जिन्होंने आजादी की लडाई में भाग लिया या शहीद हुए।
गृहमंत्री ने कहा कि यह स्मारक पिछली पीढ़ियों द्वारा किए गए बलिदानों को समझने में युवा लोगों के लिए जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी साबित होगा। यह स्मारक उन पुरुषों और महिलाओं के बलिदान और उपलब्धि के लिए देश की श्रद्धांजलि का मूल रूप है जो अपने देश की सेवा करते हुए शहीद हुए हैं।
विज ने बताया कि कला और प्रदर्शन कार्य में विकास, आपूर्ति, खरीद, एकीकरण, निष्पादन, सॉफ्ट सामग्री, संचालन और रखरखाव सहित 3 वर्षों के लिए प्रदर्शन, स्थापना, लाईटिंग व्यवस्था और डिजिटल उपकरण सहित आंतरिक कार्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ‘कला और प्रदर्शनी कार्य’ का काम जुलाई के महीने में शुरू होने की संभावना है और फरवरी, 2024 में पूरा होने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि सलाहकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार, ‘कला और प्रदर्शन कार्य’ के निष्पादन के लिए सरकार द्वारा 175.83 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इस कला और प्रदर्शन कार्य के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए बोली दस्तावेज को भी सरकार से अनुमोदित किया गया है और तदनुसार निविदा आमंत्रित की गई है।
स्मारक का कार्य दो चरणों में होगाः
विज ने बताया कि अंबाला छावनी में निर्मित किए जा रहे ‘आजादी की पहली लड़ाई के स्मारक’ के निर्माण की परियोजना को हरियाणा सरकार से मंजूरी मिली है। इसकी कुल लागत 539.39 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। सरकार द्वारा 437.90 करोड़ रुपए की मंजूरी पहले दी जा चुकी है। इस परियोजना को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाना है जिसके तहत सिविल कार्य और दूसरा कला एवं प्रदर्शन कार्य शामिल हैं।
सिविल कार्य 86 प्रतिशत पूराः
विज उन्होंने बताया कि सिविल कार्य हरियाणा पीडब्ल्यूडी (बीएंडआर) विभाग द्वारा आवंटित किया गया है। जिसमें व्याख्या केंद्र भवन, संग्रहालय, ओपन एयर थियेटर, सभागार, वाटर बॉडी, मेमोरियल टॉवर, डबल बेसमेंट कार पार्किंग, स्टाफ क्वार्टर, सूचना केंद्र, हेलीपैड शामिल है। उन्होंने बताया कि 252 करोड़ रुपए खर्च कर लगभग 86 प्रतिशत कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। शेष कार्य प्रगति पर है।
अतीत को वर्तमान से जोड़ने का काम करेगाः
विज ने बताया कि अंबाला छावनी में यह स्मारक अतीत को वर्तमान से जोड़ने का काम करेगा। लोगों को उन शहीदों के बलिदान को याद रखने और उनका सम्मान करने में सक्षम बनाएगा। जिन्होंने आजादी की लडाई में भाग लिया या शहीद हुए।
गृहमंत्री ने कहा कि यह स्मारक पिछली पीढ़ियों द्वारा किए गए बलिदानों को समझने में युवा लोगों के लिए जानकारी का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी साबित होगा। यह स्मारक उन पुरुषों और महिलाओं के बलिदान और उपलब्धि के लिए देश की श्रद्धांजलि का मूल रूप है जो अपने देश की सेवा करते हुए शहीद हुए हैं।
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