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नायब सरकार का एक साल : झूठे दावे, बढ़ती बदहाली और टूटी उम्मीदों का साल- कुमारी सैलजा

प्रदेश में जंगलराज जैसे हालात है। राजनीतिक अराजकता और खौफ के दौर में कानून व्यवस्था का जैसे अपराधियों ने अपहरण कर लिया है। लोग मूलभूत सुविधाओं को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे है, उनकी मांगों पर ध्यान देने के बजाए उन पर लाठियां बरसाई जाती है। प्रदेश में पीने के पानी की व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है। नहरी पानी की आपूर्ति पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है अधिकतर जिलों में टयूबवेल आधारित जलापूर्ति की जा रही है जो पीने योग्य नहीं है और लोग जल जनित रोगों की चपेट में आ रहे हैं।
दूसरी ओर सीवरेज व्यवस्था भी चरमाई हुई है, अधिकतर जिलों में जल निकासी का उचित प्रबंध तक नहीं किया गया है। जलभराव की समस्या प्रदेश में आम हो गई है। सांसद ने कहा कि सिरसा जैसे शहरों में सफाई व्यवस्था बदहाल है। पेयजलापूर्ति और सीवरेज व्यवस्था चरमराई हुई है। जिला में नशे और कैंसर जैसी बीमारियों का प्रसार लगातार बढ़ रहा है, लेकिन सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। सरकार ने 30 जून तक सभी सड़कों को ठीक करने का दावा किया था, परंतु आज तक सड़को की हालत ज्यों की त्यों है।
किसान अपनी फसल का उचित मूल्य पाने के लिए तरस रहे हैं, फसल बीमा योजना भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुकी है, और युवाओं को रोजगार के बजाय निराशा मिल रही है। किसान आज भी डीएपी और यूरिया खाद के लिए धक्के खा रहा है, सरकारी एजेंसी पर खाद नहीं मिल रही है जबकि प्राइवेट दुकानों पर कालाबाजारी में बिक रही है।
कांग्रेस पार्टी का मानना है कि विकास का अर्थ केवल प्रचार नहीं, बल्कि जनता के जीवन में वास्तविक सुधार है। हम जनता को भरोसा दिलाते हैं कि कांग्रेस ही हरियाणा को महंगाई, बेरोजगारी, अन्याय और अव्यवस्था से मुक्त कर सकती है। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि नायब सरकार का यह एक वर्ष हरियाणा के इतिहास में जन उपेक्षा और अन्याय का प्रतीक बनकर रहेगा। जश्न मनाने की बजाय सरकार को चाहिए कि वह जनता को मूलभूत सुविधाएं पानी, सड़क, सफाई और सुरक्षा प्रदान करे। यही सच्चा कमाल होगा।
सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार ने दो लाख युवाओं को बिना खर्ची-पर्ची के पक्की नौकरी देने का वायदा किया था पर हकीकत ये है कि अभी तक पिछले टर्म में निकली भर्तियों पर ही काम चल रहा है। क्लर्क, हरियाणा पुलिस, ग्रुप डी जैसे बड़ी भर्तियों के पद विज्ञापित करने की तैयारी चल रही है। प्रदेश में अफसरशाही हावी है, सीएम कार्यालय के अधिकारी तक खुद कह चुके है कि सीएम के कहने से तो चपरासी भी सस्पेंड नहीं होता। किसानों को फसल का एमएसपी तक नहीं मिल रहा है, मंडी में किसान को तरह तरह से परेशान किया जा रहा है्र फसलों का मुआवजा अभी तक मिला नहीं है।
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