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राम रहीम के पैरोल पर भाजपा नेता सुनील सांगवान बोले, 'हर कैदी को पैरोल मांगने का अधिकार'
सांगवान ने कहा, "अब मैं इस विभाग में नहीं हूं। मुझे नहीं पता कि उसने पैरोल मांगी है या नहीं। मैं राम रहीम की बात नहीं कर रहा हूं। किसी भी कैदी को एक कैलेंडर वर्ष में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक 90 दिन की पैरोल मिलती है। अब अगर 90 दिन में उसके पास 20 दिन बचे हैं, तो क्षेत्रीय आयुक्त तय करेंगे कि उसे पैरोल देनी है या नहीं। मैं इस विषय पर कुछ नहीं कह पाऊंगा।"
राम रहीम को बार-बार पैरोल देने पर विपक्ष के आरोप पर सुनील सांगवान ने कहा," कोई भी कैदी एक साल बाद पैरोल के लिए पात्र हो जाता है। मुझे लगता है कि उसे पहली पैरोल तीन से चार साल के बाद मिली है। ये राम रहीम की बात नहीं है, हर कैदी काे पैरोल का अधिकार है। हर कोई पैरोल पर बाहर जाता है। पिछले छह साल में, जब मैं वहां था, मैंने साढ़े तीन हजार लोगों को पैरोल दी।"राम रहीम सात साल में 10 बार जेल से बाहर आ चुका है।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर पैरोल को लेकर सवाल पूछे हैं। पत्र में पूछा गया है कि चुनाव के समय किसी दोषी को पैरोल पर रिहा करना कितना सही है? उल्लेखनीय है कि डेरा प्रमुख फिलहाल हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। चुनाव के लिहाज से राम रहीम का हरियाणा के सिरसा, अंबाला, कुरुक्षेत्र और हिसार जिलों में काफी प्रभाव है। इन चार जिलों में करीब 36 विधानसभा सीटें हैं।
आपको बता दें कि हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होना है। 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
--आईएएनएस
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