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सरकारी खर्चें पर बनेंगे नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के कार्यालय भवन

khaskhabar.com : बुधवार, 29 मार्च 2023 6:53 PM (IST)
सरकारी खर्चें पर बनेंगे नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के कार्यालय भवन
नरवाना नगरीय निकाय के एक्सईएन एलसी चौहान सस्पेंड
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहाकि प्रदेश सरकार स्थानीय सरकारों अर्थात नगर निकायों को पूर्ण स्वायत्ता देने के लिए प्रतिबद्ध है। ताकि स्थानीय स्तर पर होने वाले कार्य समयबद्ध तरीके और त्वरित ढंग से हो सकें। विकास कार्यों के लिए निकायों को को पैसा दिया जाएगा। वर्ष 2022-23 के राज्य के अपने कर राजस्व (एसओटीआर) लगभग 65 हजार करोड़ रुपए में से लगभग 3600 करोड़ रुपए नगर निकायों को दिए जाएंगे। पिछला बकाया 500 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे। इस प्रकार 4100 करोड़ रुपए नगर निकायों को ‌मिलेंगे। इससे वे अपने स्तर पर विकास कार्य करवा पाएंगे। इसके अलावा, सभी निकायों में कुल मिलाकर 5 हजार करोड़ रुपए की राशि पहले से ही उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री नगर निगम के महापौर और जिला नगर आयुक्तों के साथ शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता भी मौजूद रहे। बैठक के दौरान कार्य में लापरवाही बरतने की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने नरवाना के एक्सईएन एलसी चौहान को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं के कार्यालय भवन बनाने का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। भवन के लिए यदि कहीं जमीन खरीदने या किसी विभाग से हस्तांतरित करने की भी आवश्यकता है तो उसका खर्च भी राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। यदि कोई निकाय अपनी जमीन पर कोई भवन बनाकर वाणिज्यिक गतिविधियां करना चाहती है, तो कर सकती है। इससे निकायों को अतिरिक्त आय होगी।
नगर निकायों में रिस्ट्रक्चरिंग के लिए बनेगी राज्य स्तरीय कमेटीः
मनोहर लाल ने कहा कि नगर निकायों में रिस्ट्रक्चरिंग और राशनलाइजेशन के लिए राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहाकि सभी नगर निकायों में संपत्तियों की नीलामी के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए। यदि किसी कारणवश बिडिंग असफल होती है तो एक माह के अंदर-अंदर पुन: बिडिंग हो, इसकी जिम्मेवारी जिला नगर आयुक्त की होगी।
जन्म, मृत्यु और विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन की समय सीमा 30 दिन करने के निर्देशः मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जन्म, मृत्यु और विवाह प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने की समय सीमा 21 दिन से बढ़ाकर 30 दिन करने के निर्देश दिए। इसके बाद विलंब शुल्क के साथ आवेदन करने का प्रावधान किया जाए। निकाय स्तर पर कुछ अन्य सेवाओं के लिए कहा कि जब कोई नागरिक किसी सेवा के लिए आवेदन करने आए तो एक ही बार में उसके सभी दस्तावेज चेक किए जाएं। ताकि उन्हें बार-बार चक्कर न काटने पड़ें। आवेदन मंजूर हुआ है या कैंसल किया गया है, इसका स्टेटस भी ऑटो अपील सॉफ्टवेयर में दर्ज करें, ताकि कैंसल होने पर अपील स्वतः ही अगले अधिकारी तक चली जाए।
नई अवैध कॉलोनियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगाः
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि नई अवैध कॉलोनियों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं किया जाएगा। पहले से बनी कॉलोनियों, जिनमें कुछ हिस्से या पैच को अनिय‌मित दिखाया हुआ है, उन्हें तय मानदंड अनुसार नियमित किया जाए। कुछ दिन पहले ही सरकार ने 190 कॉलोनियों को अप्रूव किया है। इसके अलावा, लगभग 600-700 कॉलोनियां पाइपलाइन में हैं।
मेयर जनता दरबार लगाकर सुनें लोगों की समस्याएंः
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि जनता हमारे लिए सब कुछ है, इसलिए मेयर जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं और शिकायतें सुनें। जनता दरबार में जिला नगर आयुक्त भी मौजूद रहें। नगर आयुक्तों को निर्देश दिए कि सभी कार्यों के लिए फाइलें मुख्यालय स्तर तक न आएं, बल्कि निकाय स्तर पर ही सारे कार्य हो जाएं। जिला नगर आयुक्त के स्तर पर भी फाइलें देरी से निकलती हैं, इसलिए सभी अधिकारी फाइलों का जल्दी निष्पादन करें।
आगामी 2 अप्रैल से भिवानी से शुरू होंगे फील्ड दौरेः
मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 2 चरणों में बैठक हुई है। पहले चरण में मेयर के साथ स्थानीय मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। दूसरे चरण में अधिकारियों के साथ भी इन विषयों पर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 2 अप्रैल से फील्ड में जाने का कार्यक्रम तय किया है। पहला फील्ड दौरा 2 से 4 अप्रैल तक भिवानी में तय किया गया है।
ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल दोबारा खोलाः
सीएम मनोहर लाल ने कहाकि ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान का ब्यौरा दर्ज कर सकते थे। जिन्होंने पहले मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण किया हो। कुछ किसानों से यह शिकायत प्राप्त हुई थी कि उन्होंने पहले मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल अपना पंजीकरण नहीं किया हुआ है और अब इस कारण वे क्षतिपूर्ति पोर्टल पर भी फसल खराबे की जानकारी दर्ज नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे किसानों की शिकायत पर संज्ञान लेकर अब सरकार ने पोर्टल को दोबारा खोल दिया है। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव उपस्थित थे।

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