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यदुवंशी होने के लिए किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं - धर्मेंद्र यादव
आजमगढ़ से सपा के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव ने आईएएनएस से विभिन्न चुनावी मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। पेश है बातचीत के कुछ अंश:
सवाल : दिनेश लाल निरहुआ आजमगढ़ से दो साल पहले चुनाव जीते थे। कितनी चुनौती मानते हैं?
जवाब : कोई चुनौती नहीं है। उनमें परिपक्वता नहीं है। गंभीरता होती तो यह न कहते कि बेरोजगारी रोकनी है तो ज्यादा बच्चे पैदा न करें। यह परिपक्वता भरा बयान नहीं है। यह नौजवानों की बेरोजगारी का मजाक है। जो स्वयं कुछ नहीं कर पा रहे, वो इधर उधर की बातें कर रहे हैं। हां उन्हें भाजपा की तरफ से स्क्रिप्ट मिली है और वह वही पढ़ रहे हैं। उनके पास अपना विचार नहीं है। कलाकार हमेशा स्क्रिप्ट पढ़ता है। मुझे उनसे कोई चुनौती नहीं है।
सवाल : पहले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आमंत्रण को अस्वीकार किया और अब भगवान कृष्ण को नकारने वालों का साथ दे रहे हैं। विरोधी पूछ रहे हैं कि आप कैसे यदुवंशी है?
जवाब : हमारे यदुवंशी होने के लिए किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। हम श्रीकृष्ण के वंशज हैं। सभी जानते हैं। पीएम की बातों में दम नहीं है। उनके सर्टिफिकेट की हमें जरूरत नहीं है। दस वर्षों की उपलब्धि गिनाने के बजाय इधर-उधर की बातें कर रहे हैं।
सवाल : आरोप है कि चुनाव हारने के बाद आप दो साल नजर नहीं आए। इधर, सांसद का दावा है कि उन्होंने जितना काम कर दिया है उतना 40 सालों में नहीं हुआ। क्या कहेंगे?
जवाब : (व्यंगात्मक लहजे में) उन्होंने जितना काम कर दिया है, शायद 400 वर्षों में नहीं हुआ होगा। पीएम ने दो करोड़ हर साल रोजगार का वादा किया था। 10 साल राज किया। दो करोड़ रोजगार किसे मिला है? उसमें आजमगढ़ का भी हक बनता होगा। वह रोजगार कहां है? महंगाई कितनी खत्म हुई? लोगों के खाते में 15 लाख क्यों नहीं आये? तमाम मुद्दों पर भाजपा फेल है। लोग, अब भाजपा की बात सुनने को तैयार नहीं हैं।
सवाल : इस चुनाव में आप क्या ऐसा नया कर करेंगे कि यहां परिवर्तन हो जायेगा?
जवाब : मैं स्वयं अकेले कुछ नहीं कर सकता। संगठन ही पूरा चुनाव लड़ता है। इस बार चुनाव यहां की जनता लड़ रही है। पिछली बार बसपा से यहां पर गुड्डू जमाली लड़े थे। वह बड़ा फैक्टर था। इस बार वह हमारे साथ हैं। एक और एक ग्यारह बनकर चुनाव लड़ रहे हैं। पूरे देश के माहौल में बड़ा परिवर्तन है।
सवाल : भाजपा ने आरोप लगाया है कि आपने परिवार के अलावा किसी अन्य यादव को टिकट नहीं दिया। कितना सही है?
जवाब : देखिए, भाजपा पीडीए से घबरा गई है। लोगों के वादे पूरे नहीं कर पाई है। अब परिवारवाद की बात कर रहे हैं। 2009 में भी पांच लड़े थे, फिर 2014 में भी लड़े। फिर 2019 में और अब 2024 में भी परिवार के पांच लोग चुनाव लड़ रहे है। यह कोई नया नहीं है। परिवार के मुद्दों को उठाकर भाजपा लोगों को उलझाना चाहती है। जनता को जातीय जनगणना चाहिए। सरकारी कर्मचारियों को भी पेंशन चाहिए। अग्निवीर जैसी संवेदनहीन योजना को खत्म करना है। किसानों का कर्ज माफ कराना है।
सवाल : आप कह रहे हैं कि भाजपा को अगर 400 सीट आ जाएगी तो वह संविधान बदल देगी। आधार क्या है?
जवाब : भाजपा और उनके सहयोगी दलों को लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है। एक उदाहरण है। चुनाव आयोग की नियुक्ति में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति कमेटी में थे। भाजपा को इन पर भरोसा नहीं है। 150 सांसद को निष्कासित करते हैं। आईपीसी से लेकर सीआरपीसी के सारे कानून बदल दिए गए। कानून इसलिए बदले गए कि अगर कोई जन आंदोलन हो तो उसे कैसे दबाया जाए।
सवाल : यूपी में इंडिया गठबंधन को कितनी सीट मिलते देख रहे हैं?
जवाब : गठबंधन एकतरफा चुनाव जीत रहा है। जिन सीटों पर हमें उम्मीदवार नहीं मिल रहे थे। वह भी हम जीत रहे हैं।
सवाल : प्रयागराज में राहुल-अखिलेश की रैली नहीं हो पाई। अब भाजपा हमलावर है। कह रही है आपकी पार्टी में आराजक लोग हैं? आपके नेताओं को कोई सुनना नहीं चाहता।
जवाब : राहुल और अखिलेश जी सर्वोच्च सुरक्षा के कवर में हैं। भाजपा सरकार ने वहां पर पर्याप्त फोर्स नहीं दी। लोग अनियंत्रित हो गये। बैरिकेडिंग तोड़ दिए। भाजपा सरकार अपनी नाकामी छिपा रही है।
सवाल : आजमगढ़ में बसपा कैसे चुनाव लड़ रही है?
जवाब : बसपा अपना चुनाव लड़ रही है। इस पर क्या बात करें।
सवाल : आप लोगों की तरफ से बार-बार भाजपा पर ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया जाता है।
जवाब : भाजपा का एक भी व्यक्ति जेल गया है क्या? भाजपा में शामिल होने वाले नेता वाशिंग मशीन में धुल जाते हैं। ये लोग अपने रेपिस्टों की बात क्यों नहीं करते?
--आईएएनएस
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