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पेट्रोल और डीजल पर ग्रीन सेस लगाने का कोई विचार नहीं : सीएम सुक्खू

-मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट चर्चा के दौरान किया साफ
शिमला। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि पेट्रोल और डीजल पर ग्रीन सेस लगाने का कोई विचार नहीं है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ कर दिया है कि उनके बजट में बेशक हिमाचल को अगले चार साल में ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य हो, लेकिन इसके लिए पेट्रोल और डीजल पर ग्रीन सेस लगाने का कोई विचार नहीं है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान चुराह से विधायक डॉक्टर हंसराज ने इस बारे में अनुपूरक सवाल पूछा था। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हिमाचल को 2026 तक ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है। इसका एक हिस्सा इलेक्ट्रिक बसों की खरीद है, लेकिन इसके बाद राज्य सरकार ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया पर भी काम करेग। बजट में घोषित छह ग्रीन कॉरिडोर में से पहले कॉरिडोर के लिए टेंडर जारी हो गया है। इसके लिए 36 करोड़ का बजट भी सरकार ने जारी कर दिया है। यह कॉरिडोर परवाणू, नालागढ़, ऊना, हमीरपुर, देहरा, मुबारकपुर, संसारपुर टेरेस से नूरपुर तक होगा।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार अगले चरण में ग्रीन इकोनामिक कॉरिडोर की तरफ बढ़ेगी। डेढ़ हजार इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का लक्ष्य सरकार ने बनाया है और इसके लिए अगले छह महीने में कार्य योजना तैयार हो जाएगी। पहले चरण में 400 चार्जिंग स्टेशन प्रदेश भर में बनाए जाएंगे और इसके लिए बिजली की कोई कमी नहीं है। उपमुख्यमंत्री परिवहन मुकेश अग्निहोत्री ने इससे पहले सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चार्जिंग स्टेशन के लिए 208 लोकेशन तय हो गई है और कुल 400 स्टेशन बनने हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में भी बदलाव करेगी। इससे पहले ग्रीन स्टेट का लक्ष्य तय करने के लिए कांग्रेस विधायक राजेश धर्मानी ने मुख्यमंत्री का आभार जताया, लेकिन साथ ही पूछा कि था क्या बिजली बोर्ड भी चार्जिंग नेटवर्क बनाने के लिए तैयार है? इसके बाद खुद हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने सारी स्थिति स्पष्ट की।
शिमला। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि पेट्रोल और डीजल पर ग्रीन सेस लगाने का कोई विचार नहीं है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ कर दिया है कि उनके बजट में बेशक हिमाचल को अगले चार साल में ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य हो, लेकिन इसके लिए पेट्रोल और डीजल पर ग्रीन सेस लगाने का कोई विचार नहीं है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान चुराह से विधायक डॉक्टर हंसराज ने इस बारे में अनुपूरक सवाल पूछा था। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हिमाचल को 2026 तक ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है। इसका एक हिस्सा इलेक्ट्रिक बसों की खरीद है, लेकिन इसके बाद राज्य सरकार ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया पर भी काम करेग। बजट में घोषित छह ग्रीन कॉरिडोर में से पहले कॉरिडोर के लिए टेंडर जारी हो गया है। इसके लिए 36 करोड़ का बजट भी सरकार ने जारी कर दिया है। यह कॉरिडोर परवाणू, नालागढ़, ऊना, हमीरपुर, देहरा, मुबारकपुर, संसारपुर टेरेस से नूरपुर तक होगा।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार अगले चरण में ग्रीन इकोनामिक कॉरिडोर की तरफ बढ़ेगी। डेढ़ हजार इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का लक्ष्य सरकार ने बनाया है और इसके लिए अगले छह महीने में कार्य योजना तैयार हो जाएगी। पहले चरण में 400 चार्जिंग स्टेशन प्रदेश भर में बनाए जाएंगे और इसके लिए बिजली की कोई कमी नहीं है। उपमुख्यमंत्री परिवहन मुकेश अग्निहोत्री ने इससे पहले सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चार्जिंग स्टेशन के लिए 208 लोकेशन तय हो गई है और कुल 400 स्टेशन बनने हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में भी बदलाव करेगी। इससे पहले ग्रीन स्टेट का लक्ष्य तय करने के लिए कांग्रेस विधायक राजेश धर्मानी ने मुख्यमंत्री का आभार जताया, लेकिन साथ ही पूछा कि था क्या बिजली बोर्ड भी चार्जिंग नेटवर्क बनाने के लिए तैयार है? इसके बाद खुद हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने सारी स्थिति स्पष्ट की।
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