Advertisement
जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर घमासान
पीलीभीत। प्रदेश में सरकार बदलते ही पंचायत सदस्यों का मन भी बदल गया है। अभी तक जिनमें समाजवाद कूट कूट कर भरा था अब वे भगवा मय हो लिए है। ऐसे 22 पंचायत सदस्यों ने डीएम को अध्यक्ष आरती के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है। इस राजनीतिक उठापटक में डा शोभना का नाम अध्यक्ष के दावेदार में है। उनके पति रत्नेश गंगवार जिनका टिकट काटने के बाद सपा से मोह भंग हुआ और वे भगवा में रंगे गए। चुनाव के बाद पार्टी में अपने जाति के कद्दावर नेताओं को साधकर अपनी भाभी को अध्यक्ष बनाने के लिए वे प्रयासरत हैं।
इसके बाद से पीलीभीत में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर घमासान तेज हो गया है। सोमवार को जिलाधिकारी पीलीभीत के समक्ष 22 जिला पंचायत सदस्यो ने शपथ पत्र सहित अविश्वास प्रस्ताव डीएम को सौपा। डीएम ने जांच कर आगे की कार्यवाही करने की बात कही है।
गौरतलब है कि 29 मत पाकर पिछले वर्ष ही पूर्व विधायक पीतमराम की बहू आरती महेन्द्र अध्यक्ष चुनी गयी थी। अब लामबंदी शुरू होने के बाद बीजेपी की डाॅ. शोभना का नाम अध्यक्ष की दावेदार में आगे है। क्योंकि शोभना पूर्व बीसलपुर विधान सभा प्रत्याशी रत्नेश गंगवार की भाभी है। रत्नेश ही अपनी भाभी को अध्यक्ष बनवाने के लिए लामबंदी कर रहे है। उन्हीं के नेतृत्व में ही यह सदस्य आये थें। उधर जिला पंचायत अध्यक्ष गुट भी सदस्यो को अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए कवायद में जुट गया है।
इस मुद्दे पर जिलाधिकारी मासूम अली सरवर का कहना है कि जितने भी शपथ पत्र प्राप्त हुए है,उनकी विधिक जांच कर जिला पंचायत अधिनियम के अनुसार आगे की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
इसके बाद से पीलीभीत में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर घमासान तेज हो गया है। सोमवार को जिलाधिकारी पीलीभीत के समक्ष 22 जिला पंचायत सदस्यो ने शपथ पत्र सहित अविश्वास प्रस्ताव डीएम को सौपा। डीएम ने जांच कर आगे की कार्यवाही करने की बात कही है।
गौरतलब है कि 29 मत पाकर पिछले वर्ष ही पूर्व विधायक पीतमराम की बहू आरती महेन्द्र अध्यक्ष चुनी गयी थी। अब लामबंदी शुरू होने के बाद बीजेपी की डाॅ. शोभना का नाम अध्यक्ष की दावेदार में आगे है। क्योंकि शोभना पूर्व बीसलपुर विधान सभा प्रत्याशी रत्नेश गंगवार की भाभी है। रत्नेश ही अपनी भाभी को अध्यक्ष बनवाने के लिए लामबंदी कर रहे है। उन्हीं के नेतृत्व में ही यह सदस्य आये थें। उधर जिला पंचायत अध्यक्ष गुट भी सदस्यो को अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए कवायद में जुट गया है।
इस मुद्दे पर जिलाधिकारी मासूम अली सरवर का कहना है कि जितने भी शपथ पत्र प्राप्त हुए है,उनकी विधिक जांच कर जिला पंचायत अधिनियम के अनुसार आगे की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
Advertisement
Advertisement
पीलीभीत
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement