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तलाक, हलाला के खिलाफ आवाज उठाने वाली फरहत और निदा खान का हुक्का पानी बंद
बरेली। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन
फ़रहत नक़वी और आला हजरत खानदान की बहू निदा खान मुस्लिम धर्मगुरुओं के
निशाने पर आ गई हैं। हलाला, तीन तलाक और बहुविवाह के खिलाफ आवाज उठाने वाली
बरेली के आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान के खिलाफ फतवा जारी किया
गया है।नकवी और निदा खान पर इस्लामिक कानून का विरोध करने का आरोप है, जिसके चलते
उनको मुस्लिम समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है।
सोमवार को बरेली के शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने
दरगाह आला हजरत परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दरगाह के दारुल
इफ्ता विभाग ने निदा के खिलाफ फतवा जारी किया है। उन्होंने दावा किया कि
मुफ्ती अफजाल रजवी के दस्तखत से जारी फतवे में कहा गया है कि इस्लामिक
कानून का विरोध कर रही हैं, लिहाजा उनका 'हुक्का-पानी' बंद कर दिया गया है।
निदा की मदद करने वाले और उससे मिलने-जुलने वाले मुसलमानों को चेतावनी दी
गई है कि ऐसा करने वालों को भी इस्लाम से खारिज कर दिया जाएगा।
दफनाने पर भी बैन
मुफ्ती आलम ने बताया कि फतवे के मुताबिक निदा अगर बीमार हो जाती हैं तो उसको दवा भी नहीं दी जाएगी। निदा की मौत पर जनाजे की नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं निदा की मृत्यु होने पर उसे कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है। निदा खान ने पलटवार किया
इस बीच, निदा खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया और कहा कि फतवा जारी करने वाले पाकिस्तान चले जाएं। हिन्दुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है। यहां दो कानून नहीं चलेंगे। किसी मुस्लिम को इस्लाम से खारिज करने की हैसियत किसी की नहीं है। सिर्फ अल्लाह ही गुनहगार और बेगुनाह का फैसला कर सकता है। मालूम हो कि निदा की शादी आला हजरत खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से 16 जुलाई 2015 को हुई थी। बाद में पांच फरवरी 2016 को उनका तलाक हो गया। उसके बाद निदा ने अदालत का सहारा लिया और वह अन्य तलाकशुदा महिलाओं के लिए भी आंदोलन कर रही हैं। उन्होंने तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ भी अभियान छेड़ रखा है।
मुफ्ती आलम ने बताया कि फतवे के मुताबिक निदा अगर बीमार हो जाती हैं तो उसको दवा भी नहीं दी जाएगी। निदा की मौत पर जनाजे की नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं निदा की मृत्यु होने पर उसे कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है। निदा खान ने पलटवार किया
इस बीच, निदा खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया और कहा कि फतवा जारी करने वाले पाकिस्तान चले जाएं। हिन्दुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है। यहां दो कानून नहीं चलेंगे। किसी मुस्लिम को इस्लाम से खारिज करने की हैसियत किसी की नहीं है। सिर्फ अल्लाह ही गुनहगार और बेगुनाह का फैसला कर सकता है। मालूम हो कि निदा की शादी आला हजरत खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से 16 जुलाई 2015 को हुई थी। बाद में पांच फरवरी 2016 को उनका तलाक हो गया। उसके बाद निदा ने अदालत का सहारा लिया और वह अन्य तलाकशुदा महिलाओं के लिए भी आंदोलन कर रही हैं। उन्होंने तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ भी अभियान छेड़ रखा है।
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