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वाराणसी के लमही गांव में मुंशी प्रेमचंद की यादों को मिल रहा नया जीवन, साहित्यिक विरासत से रूबरू हुए छात्र

उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर यहां प्रेमचंद की कहानियों और उनसे जुड़ी चीजों को कला, चित्रों और वस्तुओं के माध्यम से दर्शाया गया है। यहां छात्र-छात्राएं आते हैं, उन्हें ज्यादा किताबें पढ़ने की जरूरत नहीं होती, बस वे यहां की चीजों को देखकर ही मुंशी प्रेमचंद को समझ पाते हैं।
छात्रा नेहा ने बताया कि मुंशी प्रेमचंद की यहां तमाम यादें हैं। उन्होंने उपन्यास और साहित्य जिस तरह लिखा है, उससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। छात्र सौरभ ने कहा, "मुंशी प्रेमचंद ने समाज और जमीन से जुड़ी चीजों को लिखा। इन सबके लिए हम उन्हें याद करते हैं। हम मुंशी प्रेमचंद के आवास पर उनके शुरुआती जीवन के बारे में जानने के लिए आए हैं।
--आईएएनएस
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