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मुलाजिम और पेंशनर्स का सांझा मोर्चा रोष मार्च निकला

नवांशहर। मुलाजिम और पेंशनर्स सांझा मोर्चा, पंजाब
यूनियन नगर की इकाई की ओर से मांगों को लेकर बलवीर कुमार, कुलदीप
सिंह दौड़का, पवनजीत सिंह सिद्धू, की अध्यक्षता में जिला स्तरीय रोष रैली
डीसी दफ्तर के बाहर करने के उपरांत शहर में रोष मार्च निकाला गया।
रैली को संबोधित करते हुए राज्य कन्वीनर भूपिंदर सिंह बड़ैच ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार ने पिछले दस सालों में मुलाजिमों की मांगों को अनदेखा कर मुलाजिम ठेके पर काम करते कर्मचारियों के मान भत्ते और कम करके वर्करों को परेशान किया जा रहा है। आयोग की रिपोर्ट लागू न करना, 33 महीने की बकाया राशि न देने, जुलाई से सात प्रतिशत डीए की किश्त न देने, 4 -1 -14 के एसीपी बंद करके पंजाब को आर्थिक नुकसान किया। उन्होंने कहा कि पेंशनरों, मिनिस्टिीरियल, जंगलात वर्करों, मिड डे मील, ठेके पर काम करते लाखों मुलाजिमों की मांगों को अनदेखा किया है। उन्होने कहा कि नई पेंशन स्कीम रद्द करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि शिक्षा, रोडवेज, बिजली वर्ग के विभागों को कारपोरेट के हाथों में सौंप कर पंजाब की आर्थिकता को तबाह किया जा रहा है।
उन्होने मांग की है कि मुलाजिमों के खिलाफ दर्ज झूठे केस वापस लिए जाएं। पे-कमीशन रिपोर्ट की संशोधन करके उसी समय तक साढ़े 12 प्रतिशत डीए बेसिक वेतन में जोड़ कर 20 प्रतिशत तुरंत अंतरिम रिलीफ दे। मानी गई मांगों को लागू करने और मुलाजिम विरोधी पत्र वापस लिए जाएं। रैली के उपरांत चंडीगड़ चौंक में जाम लगाया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को तुरंत न माना गया तो 12 दिसंबर को चंडीगढ़ में विशाल रैली उपरांत मुख्यमंत्री की निवास स्थान में रोष मार्च किया जाएगा। इस अवसर पर नानक दास, दीवान सिंह , अशोक कुमार, राम लाल, बहादुर सिंह , मुलख राज , सोमलाल, जीत लाल, प्रेम रक्कड़, कुलदीप सिंह , गुरदियाल सिंह , बलजिदंर सिंह , सरवन राम, गुरप्रीत सिंह आदि उपस्थित थे।
जब रीता जोशी की गर्दन फंसी रथ में, पढिये फिर कैसे मचा हड़कंप और बची जान
रैली को संबोधित करते हुए राज्य कन्वीनर भूपिंदर सिंह बड़ैच ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार ने पिछले दस सालों में मुलाजिमों की मांगों को अनदेखा कर मुलाजिम ठेके पर काम करते कर्मचारियों के मान भत्ते और कम करके वर्करों को परेशान किया जा रहा है। आयोग की रिपोर्ट लागू न करना, 33 महीने की बकाया राशि न देने, जुलाई से सात प्रतिशत डीए की किश्त न देने, 4 -1 -14 के एसीपी बंद करके पंजाब को आर्थिक नुकसान किया। उन्होंने कहा कि पेंशनरों, मिनिस्टिीरियल, जंगलात वर्करों, मिड डे मील, ठेके पर काम करते लाखों मुलाजिमों की मांगों को अनदेखा किया है। उन्होने कहा कि नई पेंशन स्कीम रद्द करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि शिक्षा, रोडवेज, बिजली वर्ग के विभागों को कारपोरेट के हाथों में सौंप कर पंजाब की आर्थिकता को तबाह किया जा रहा है।
उन्होने मांग की है कि मुलाजिमों के खिलाफ दर्ज झूठे केस वापस लिए जाएं। पे-कमीशन रिपोर्ट की संशोधन करके उसी समय तक साढ़े 12 प्रतिशत डीए बेसिक वेतन में जोड़ कर 20 प्रतिशत तुरंत अंतरिम रिलीफ दे। मानी गई मांगों को लागू करने और मुलाजिम विरोधी पत्र वापस लिए जाएं। रैली के उपरांत चंडीगड़ चौंक में जाम लगाया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को तुरंत न माना गया तो 12 दिसंबर को चंडीगढ़ में विशाल रैली उपरांत मुख्यमंत्री की निवास स्थान में रोष मार्च किया जाएगा। इस अवसर पर नानक दास, दीवान सिंह , अशोक कुमार, राम लाल, बहादुर सिंह , मुलख राज , सोमलाल, जीत लाल, प्रेम रक्कड़, कुलदीप सिंह , गुरदियाल सिंह , बलजिदंर सिंह , सरवन राम, गुरप्रीत सिंह आदि उपस्थित थे।
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