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राजस्थान के पहले मेंगो फेस्टिवल का बांसवाड़ा में सफल आयोजन

बांसवाड़ा । राजस्थान का दक्षिणांचल बांसवाड़ा जिला यों तो बहुरंगीजनजाति संस्कृति और शिल्प-स्थापत्य के लिए जाना-पहचाना जाता है परंतु पहली बार बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर ‘मेंगो फेस्टिवल’ के आयोजन ने जिले को ‘मैंगो हब’ के बारे में देश-प्रदेश में पहचान दी है। जिला प्रशासन, कृषि अनुसंधान केन्द्र तथा बांसवाड़ा पर्यटन उन्नयन समिति के तत्वावधान में तीन दिवसीय यह आयोजन बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर कुशलबाग मैदान में 7 से 9 जून तक हुआ।
46 प्रजातियों के आमों का सम्मोहन
जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि बांसवाड़ा में आयोजित प्रदेश के पहले ‘मेंगो फेस्टिवल’ के प्रति आमजन का जबरदस्त उत्साह देखा गया और सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र 46 प्रजातियों के आमों की प्रदर्शनी रही। लोग एक ही स्थान पर 46 प्रजातियों के आम देख रोमांचित हुए। प्रदर्शनी में बांसवाड़ा में ही पैदा हो रही किशन भोग, बोम्बे ग्रीन, बोम्बई, केसर, राजस्थान केसर, फजली, मूलागो, बैंगनफल्ली, जम्बो केसर गुजरात, स्वर्ण रेखा, बंगलौरा, नीलम, चौसा, दशहरी, मनकुर्द, वनराज, हिमसागर, जरदालु, अल्फांजो, बजरंग, राजभोग, मल्लिका, लंगड़ा, आम्रपाली, फेरनाड़ी, तोतापुरी, रामकेला, सदाबहार आदि 28 प्रजातियों के साथ देसी आम की 18 प्रजातियों यथा टीमुरवा, आँगनवाला, देवरी के पास वाला, कसलवाला, कुआवाला, आमड़ी, काकरवाला, लाडुआ, हाडली, अनूप, कनेरिया, पीपलवाला, धोलिया, बारामासी, बनेसरा, सागवा, कालिया, मकानिया आदि प्रजातियों के आमों का भी प्रदर्शन किया गया था। इसी प्रकार 12 स्टाल्स पर नीलम, लंगड़ा, केसर, जंबो केसर गुजरात, आम्रपाली, दशहरी, राजभोग, तोतापुरी, बंगलौरा, चौसा, बजरंग, बारामासी आदि प्रजातियों के आमों को एक ही दर 60 रुपये किलो से बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया। दूसरी तरफ 8 स्टॉल पर आम के उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय किया गया।
46 प्रजातियों के आमों का सम्मोहन
जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने बताया कि बांसवाड़ा में आयोजित प्रदेश के पहले ‘मेंगो फेस्टिवल’ के प्रति आमजन का जबरदस्त उत्साह देखा गया और सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र 46 प्रजातियों के आमों की प्रदर्शनी रही। लोग एक ही स्थान पर 46 प्रजातियों के आम देख रोमांचित हुए। प्रदर्शनी में बांसवाड़ा में ही पैदा हो रही किशन भोग, बोम्बे ग्रीन, बोम्बई, केसर, राजस्थान केसर, फजली, मूलागो, बैंगनफल्ली, जम्बो केसर गुजरात, स्वर्ण रेखा, बंगलौरा, नीलम, चौसा, दशहरी, मनकुर्द, वनराज, हिमसागर, जरदालु, अल्फांजो, बजरंग, राजभोग, मल्लिका, लंगड़ा, आम्रपाली, फेरनाड़ी, तोतापुरी, रामकेला, सदाबहार आदि 28 प्रजातियों के साथ देसी आम की 18 प्रजातियों यथा टीमुरवा, आँगनवाला, देवरी के पास वाला, कसलवाला, कुआवाला, आमड़ी, काकरवाला, लाडुआ, हाडली, अनूप, कनेरिया, पीपलवाला, धोलिया, बारामासी, बनेसरा, सागवा, कालिया, मकानिया आदि प्रजातियों के आमों का भी प्रदर्शन किया गया था। इसी प्रकार 12 स्टाल्स पर नीलम, लंगड़ा, केसर, जंबो केसर गुजरात, आम्रपाली, दशहरी, राजभोग, तोतापुरी, बंगलौरा, चौसा, बजरंग, बारामासी आदि प्रजातियों के आमों को एक ही दर 60 रुपये किलो से बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया। दूसरी तरफ 8 स्टॉल पर आम के उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय किया गया।
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