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यूरिया और एसएसपी उपयोग के लिए किसानों को जागरूक करें- जिला कलेक्टर
बैठक में जिला कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले में डी.ए.पी. की मांग को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा पूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मांग की आवश्यकतानुसार पूर्ति नहीं होने पर कृषकों को इसके अन्य विकल्प यूरिया व एसएसपी के उपयोग के लिए कृषकों को जागरूक करें।
जिला कलेक्टर ने कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक को निर्देश दिए कि डीएपी की सप्लाई आने पर उसके वितरण वाले स्थान पर कृषि विभाग की ओर से काउन्टर लगाकर कृषकों को यूरिया व एसएसपी के उपयोग एवं उसकी गुणवत्ता की जानकारी दी जाए तथा जितना संभव हो सके इसका विक्रय किया जाए। उन्होंने कृषकों को उनकी जोत के अनुसार ही डी.ए.पी. का वितरण करने के निर्देश दिए।
इस दौरान जिला कलेक्टर ने डीएपी की मांग, उपलब्धता एवं वितरण की जानकारी ली एवं जिले में किसानों की सहायता हेतु संचालित कन्ट्रोल रूम के माध्यम से किसानों की समस्याओं को सुन उनके निस्तारण तथा यूरिया व एसएसपी के उपयोग हेतु जागरूक करने की बात कही। जिले में डीएपी तथा यूरिया व एसएसपी का वितरण शांतिपूर्वक हो इसके लिए पुलिस विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने सहकारी समितियों के माध्यम से भी यूरिया व एसएसपी के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु प्रचार-प्रसार करने के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिए।
इस दौरान जिला कलेक्टर ने उर्वरकों का वितरण करने वाले विभिन्न डिस्ट्रीब्यूटर्स फर्म के प्रतिनिधियों से भी जानकारी लेते हुए उनके सुझाव एवं उनकी कार्ययोजना को जाना। इस दौरान डीएपी सहित यूरिया व एसएसपी की कमी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के निस्तारण एवं उनके समाधान पर फर्टिलाइजर डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेटरी टास्क फोर्स के सदस्यों के साथ चर्चा की गई।
इस दौरान जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शम्भुदयाल मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (महिला अपराध अनुसंधान सेल) विजय कुमार, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश चन्द मीणा, कृषि विभाग कोटा के उप निदेशक सत्येन्द्र पाठक सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं उर्वरक डिस्ट्रीब्यूशन फर्म के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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