Lok Sabha Election 2019 : BJP have tough challenge from Sonia Gandhi in Rae Bareli-m.khaskhabar.com
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रायबरेली : 4 बार की विजेता सोनिया का गढ़ भेदना भाजपा के लिए आसान नहीं

khaskhabar.com : मंगलवार, 02 अप्रैल 2019 11:28 AM (IST)
रायबरेली : 4 बार की विजेता सोनिया का गढ़ भेदना भाजपा के लिए आसान नहीं
रायबरेली। पिछले लोकसभा चुनाव में भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में 73 सीटों पर जीत हासिल की हो, लेकिन कांग्रेस की परंपरागत सीट रायबरेली से उन्हें निराशा मिली थी। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से अपने संसदीय क्षेत्र में कम सक्रिय रहीं, फिर भी रायबरेली में उनका सिक्का बरकारार है। अभी उनकी बेटी प्रियंका गांधी ने रायबरेली में सोनिया के भेजे संदेश को पढक़र लोगों में भावनात्मक प्यार जगा दिया है।

वहीं दूसरी ओर भाजपा ने भी कांग्रेस के पुराने साथी और एमएलसी दिनेश सिंह को पार्टी में शामिल कराकर सेंधमारी की है। अमित शाह ने खुद रैली कर एक बड़ा संदेश देने का प्रयास किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायबरेली में आधुनिक रेल कोच कारखाने और 558 करोड़ रुपए की लागत से बने रायबरेली-बांदा हाइवे का भी लोकार्पण कर एक बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है। यहां के लोगों में सोनिया गांधी से भावनात्मक लगाव है।

कांग्रेस के समय में हुए विकास कार्य ही इस लगाव का मजबूत आधार है। शायद यही वजह है कि भाजपा के लिए रायबरेली सीट से जीत का लक्ष्य हासलि करना आसान नहीं है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक परितोष सिंह कहते हैं कि रायबरेली में कांग्रेस बहुत मजबूत है। भाजपा की कांग्रेस से सीधी लड़ाई है। सोनिया गांधी के कामों का यहां अभी तक कोई तोड़ नहीं है। प्रदेश सरकार ने यहां बहुत तेजी दिखाई है। लोगों को खुद से जोडऩे का प्रयास किया है, लेकिन यह मत में कितना परिवर्तित होगा, यह चुनाव के बाद पता चलेगा।

उन्होंने कहा कि एनटीपीसी, सीमेंट फैक्ट्री, रेल कोच फैक्ट्री, आईटीआई जैसी तमाम इकाइयां और उद्योग लगाकर कांग्रेस ने रायबरेली के लोगों को रोजगार दिया है। फुरसतगंज में हवाईपट्टी तो है ही, विमान प्रशिक्षण स्कूल भी है। रायबरेली में राजीव गांधी पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट जैसा उच्चस्तरीय संस्थान इस इलाके पर गांधी परिवार के प्रभुत्व को दर्शाने के लिए काफी है। हां, एम्स के यहां देर से आने की बात से लोग जरूर परेशान हैं।

रायबरेली लोकसभा क्षेत्र के तहत आनेवाले पांच विधानसभा क्षेत्र- रायबरेली सदर, करेली, बछरांवा, हरचंदपुर व ऊंचाहार में से दो सीटें भाजपा के पास हैं। दो कांग्रेस और एक सपा के पास है। पिछली बार मोदी लहर के बावजूद इन सभी विधानसभा क्षेत्रों से सोनिया गांधी को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे। वहीं, भाजपा एम्स में ओपीडी शुरू कराने, रेल कोच फैक्ट्री में कोच की क्षमता बढ़वाने के अलावा कोई दूसरी उपलब्धि नहीं गिना पाएगी। लोकसभा चुनाव के बाद यहां किसी बड़े नेता का सक्रिय न रहना भी भाजपा की कमजोरी मानी जा रही है।

परितोष सिंह ने बताया कि 24,03,705 जनसंख्या वाले रायबरेली में 89 फीसद ग्रामीण और 11 फीसद शहरी हैं। 90-95 प्रतिशत हिंदू, 05 से 10 फीसद मुस्लिम, 30-38 फीसद अनुसूचित और 0- 06 फीसद अनुसूचित जनजति के मतदाताओं को रिझाने में भाजपा-कांग्रेस दोनों ने ताकत झोंकी है। अपने-अपने राग अलाप रहे हैं। उन्होंने कहा कि रायबरेली से सटे देदौर के ग्रामीण आवारा पशुओं से त्रस्त हैं। फसल का नुकसान हो रहा है।

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