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बाप-बेटे की हत्या के 12 अभियुक्तों को उम्रकैद

प्रतापगढ़। पांच साल पहले महुए के पेड़ों को लेकर हुए विवाद में बाप-बेटे की हत्या के 12 अभियुक्तों को बुधवार को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। सेशन जज राजेंद्र सिंह ने इस नृशंस हत्याकांड के सभी अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए जेल भेजने के आदेश दिए। सेशन जज ने अपने फैसले में कहा कि आजादी के 70 साल भी आदिवासी समाज में कुप्रथाएं प्रचलित हैं। इस कारण ऐसे हादसे होते हैं, जो ठीक नहीं है।
गौरतलब है कि 4 अप्रैल, 2012 को सालमगढ़ थाना क्षेत्र के लालपुरा डाबड़ी गांव में सुबह छह बजे विजया मीणा का परिवार सो रहा था। एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने उन पर हमला कर दिया। धारदार हथियारों से लैस हमलावरों ने परिवार के सभी लोगों से जमकर मारपीट की। इसमें विजया मीणा और उसके एक बेटे मोड़ीराम की मौत हो गई और उसके दूसरे बेटे रूपा मीणा सहित परिवार के कई लोग जख्मी हो गए थे। वारदात के बाद सभी हमलावर परिजनों को धमकी देते हुए भाग गए थे। बाद में सभी घायलों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था।
रूपा मीणा की ओर से पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि गांव के ही रहने वाले तेजिया मीणा और उसके परिवार वालों का महुए के पेड़ों और जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इस पर तेजिया मीणा ने अपने रिश्तेदारों और मध्य प्रदेश में रहने वाले अपने परिचितों को बुलाकर इस वारदात को अंजाम दिया। सभी के खिलाफ सालमगढ़ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर उनको गिरफ्तार कर लिया था। बुधवार को सुनवाई पूरी होने पर सेशन जज राजेन्द्र सिंह ने इस नृशंस हत्याकांड को गंभीर अपराध मानते हुए इसमें सभी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। वारदात में शामिल सभी 12 अभियुक्तों को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाते हुए जेल भेजने के आदेश दिए।
गौरतलब है कि 4 अप्रैल, 2012 को सालमगढ़ थाना क्षेत्र के लालपुरा डाबड़ी गांव में सुबह छह बजे विजया मीणा का परिवार सो रहा था। एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने उन पर हमला कर दिया। धारदार हथियारों से लैस हमलावरों ने परिवार के सभी लोगों से जमकर मारपीट की। इसमें विजया मीणा और उसके एक बेटे मोड़ीराम की मौत हो गई और उसके दूसरे बेटे रूपा मीणा सहित परिवार के कई लोग जख्मी हो गए थे। वारदात के बाद सभी हमलावर परिजनों को धमकी देते हुए भाग गए थे। बाद में सभी घायलों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था।
रूपा मीणा की ओर से पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि गांव के ही रहने वाले तेजिया मीणा और उसके परिवार वालों का महुए के पेड़ों और जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इस पर तेजिया मीणा ने अपने रिश्तेदारों और मध्य प्रदेश में रहने वाले अपने परिचितों को बुलाकर इस वारदात को अंजाम दिया। सभी के खिलाफ सालमगढ़ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर उनको गिरफ्तार कर लिया था। बुधवार को सुनवाई पूरी होने पर सेशन जज राजेन्द्र सिंह ने इस नृशंस हत्याकांड को गंभीर अपराध मानते हुए इसमें सभी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। वारदात में शामिल सभी 12 अभियुक्तों को उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाते हुए जेल भेजने के आदेश दिए।
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