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24 घंटों में ही एक और वारदात, तेंदुए ने किया महिला पर हमला
पीलीभीत। जंगल किनारे गांवों पर जैसे बुरा समय आ गया है। प्रतिदिन जंगली जानवरों के हमले ग्रामीणों पर होने की घटनाएं हो रही है। वाघ की दहशत से आसपास के करीब 50 गांव प्रभावित है ही, उसके साथ-साथ कभी तेदुंए तो कभी भालू का हमला ग्रामीणों के लिए जानलेवा बना हुआ है । ये सब वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का ही परिणाम है। पीलीभीत टाईगर रिजर्व के जानवरों ने जंगलों से हटकर अपना रुख आबादी की ओर कर लिया है।ये हो भी क्यों नहीं क्योंकि दो साल में यहाॅ ना तो भारत और ना ही प्रदेश सरकार पूरे संसाधन दे पायी है। इतना ही नहीं स्टॉफ का टोटा है तो बेचारे वनकर्मी करें तो करें क्या।
बीते दिन की घटना के बाद आज सोमवार को फिर हमला हो गया। यहाॅ के जंगलों से निकलकर एक तेदुंआ आबादी में आ गया और शौच को गयी महिला पर हमला बोल दिया। जैसे-तैसे महिला व उसकी पुत्री ने शोर मचाकर तेंदुए को भगाया। मामला फिर टाईगर रिजर्व के माला रेन्ज से सटे गांव मोहनपुर का है। वन विभाग अपनी चुप्पी साधे हुये है, क्योंकि उनके पास बोलने के लिये शब्द ही नहीं है।
अभी बीते दिन ही बाघ ने 9 माह में अपना 15 वाॅ शिकार बनाया था तो 24 घन्टे भी नहीं बीते कि दूसरी वारदात हो गई। इस बार घटना बाघ के हमले की नहीं बल्कि एक तेंदुए के हमले की है। यहाॅ मामला रेन्ज के पास के ही गांव मोहनपुर की रहने वाली महिला गीता देवी 35 अपनी बेटी सपना के साथ शौच को खेत में गयी थी। तभी वहाॅ जंगल से बाहर निकला तेदुंआ आ गया। तेंदुए ने महिला पर हमला बोल दिया जिसके बाद वो गम्भीर रूप से घायल हो गयी। गीता के साथ में उसकी बेटी भी थी उसने जब शोर मचाया तो तेंदुआ भागा लेकिन जब तक वो गीता को घायल कर चुका था।
पीलीभीत टाईगर रिजर्व के डीएफओ कैलाश प्रकाश जिला अस्पताल घायल महिला गीता को देखने पहुॅचे। उन्होंने घटना की पूरी जानकारी ली लेकिन जब मीडिया ने उनसे पूछना चाहा तो वो मीडिया के सवालों को नजरअंदाज करते हुये चले गये।
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