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कबीर के ज्ञान को छोड़कर, कुबेर के पैसों के पीछे भाग रहे हैं लोगः नवीन जयहिन्द

रोहतक। ज्येष्ठ माह की शुक्लपक्ष पूर्णिमा रविवार को रोहतक के मोखरा गांव में संत कबीरदास जी की जयंती मनाई गई और भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें नवीन जयहिन्द ने संत कबीरदास जी का आशीर्वाद लेकर प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद महम हल्के से पूर्व विधायक बाली पहलवान से मुलाकात की।
जयहिन्द ने इतना मान-सम्मान देने के लिए उनका धन्यवाद किया। जयहिन्द ने संत कबीरदास जयंती के अवसर पर लोगों से अपील की कि उनको संत कबीरदास जी के ज्ञान की ओर ध्यान करना चाहिए। न कि कुबेर के पैसों के पीछे भागना चाहिए।
जयहिन्द ने बताया कि कबीरदास जी न सिर्फ एक संत थे बल्कि वे एक विचारक और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन में समाज की बुराइयों को दूर करने के लिए कई दोहे और कविताओं की रचना की। कबीरदास जी हिंदी साहित्य के ऐसे कवि थे, जिन्होंने समाज में फैले आडंबरों को अपनी लेखनी के जरिए उस पर कुठाराघात किया था।
जयहिन्द ने बताया संत कबीरदास जी ने आजीवन समाज में फैली बुराइयों और अंधविश्वास की निंदा करते रहे। उन्होंने अपने दोहों के माध्यम से जीवन जीने की कई सीख दी हैं। आज भी लोग इनके दोहे गुनगुनाते हैं। सभी युवाओ से भी अपील करते हुए कहा कि उन्हें संत कबीरदास जी जरूर पढ़नी चाहिए ताकि उनको कबीर जी के बारे में जानकारी हो ओर वे उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाएं।
जयहिन्द ने इतना मान-सम्मान देने के लिए उनका धन्यवाद किया। जयहिन्द ने संत कबीरदास जयंती के अवसर पर लोगों से अपील की कि उनको संत कबीरदास जी के ज्ञान की ओर ध्यान करना चाहिए। न कि कुबेर के पैसों के पीछे भागना चाहिए।
जयहिन्द ने बताया कि कबीरदास जी न सिर्फ एक संत थे बल्कि वे एक विचारक और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन में समाज की बुराइयों को दूर करने के लिए कई दोहे और कविताओं की रचना की। कबीरदास जी हिंदी साहित्य के ऐसे कवि थे, जिन्होंने समाज में फैले आडंबरों को अपनी लेखनी के जरिए उस पर कुठाराघात किया था।
जयहिन्द ने बताया संत कबीरदास जी ने आजीवन समाज में फैली बुराइयों और अंधविश्वास की निंदा करते रहे। उन्होंने अपने दोहों के माध्यम से जीवन जीने की कई सीख दी हैं। आज भी लोग इनके दोहे गुनगुनाते हैं। सभी युवाओ से भी अपील करते हुए कहा कि उन्हें संत कबीरदास जी जरूर पढ़नी चाहिए ताकि उनको कबीर जी के बारे में जानकारी हो ओर वे उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाएं।
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