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केजरीवाल और हेमंत की एक जून को रांची में होगी मुलाकात, क्या हैं इसके सियासी मायने

रांची। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक जून को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची में मुलाकात करेंगे। पिछले चार महीनों में दूसरी बार है, जब दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच बात-मुलाकात का कार्यक्रम तय हुआ है। ऐसे में इसके बड़े सियासी मायने हो सकते हैं। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीएन सिंह ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल के रांची आगमन और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात का कार्यक्रम तय हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र की सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश, दिल्ली एवं झारखंड में ईडी और आईटी की हाल की कार्रवाइयों और 2024 के चुनाव को लेकर चर्चा हो सकती है। केजरीवाल और हेमंत सोरेन दोनों ही अलग-अलग मसलों को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर रहे हैं। इसे केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ मोचेर्बंदी के प्रयास के तौर भी देखा जा सकता है।
इसके पहले बीते 7 फरवरी को केजरीवाल और हेमंत सोरेन के बीच दिल्ली में बात-मुलाकात हुई थी। तब मुलाकात की तस्वीर सीएम केजरीवाल ने खुद करते हुए ट्वीटर पर लिखा था, ''देश के विभिन्न मुद्दों पर हमारे बीच सार्थक बातचीत हुई.'' हेमंत सोरेन ने कहा था कि मुलाकात के दौरान झारखंड और दिल्ली से जुड़े विकास के विभिन्न मुद्दों पर बात हुई है।
फरवरी के बाद दोनों राज्यों में ईडी और आईटी की कार्रवाई में कई नए पन्ने जुड़े हैं। इसे लेकर केजरीवाल और सोरेन दोनों केंद्र की सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं। दूसरी और लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भी विपक्षी एकजुटता के लिए अलग-अलग स्तरों पर कोशिश हो रही है।
केजरीवाल सरकार की ही तर्ज पर सोरेन ने झारखंड में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की पहल की है। राज्य में चुने गए स्कूलों को दिल्ली की तर्ज पर विकसित करने की योजना पर काम शुरू हुआ है। जाहिर है, दोनों नेताओं के बीच एक खास तरह का गुडविल बनता दिख रहा है।
--आईएएनएस
सूत्रों के मुताबिक दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र की सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश, दिल्ली एवं झारखंड में ईडी और आईटी की हाल की कार्रवाइयों और 2024 के चुनाव को लेकर चर्चा हो सकती है। केजरीवाल और हेमंत सोरेन दोनों ही अलग-अलग मसलों को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर रहे हैं। इसे केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ मोचेर्बंदी के प्रयास के तौर भी देखा जा सकता है।
इसके पहले बीते 7 फरवरी को केजरीवाल और हेमंत सोरेन के बीच दिल्ली में बात-मुलाकात हुई थी। तब मुलाकात की तस्वीर सीएम केजरीवाल ने खुद करते हुए ट्वीटर पर लिखा था, ''देश के विभिन्न मुद्दों पर हमारे बीच सार्थक बातचीत हुई.'' हेमंत सोरेन ने कहा था कि मुलाकात के दौरान झारखंड और दिल्ली से जुड़े विकास के विभिन्न मुद्दों पर बात हुई है।
फरवरी के बाद दोनों राज्यों में ईडी और आईटी की कार्रवाई में कई नए पन्ने जुड़े हैं। इसे लेकर केजरीवाल और सोरेन दोनों केंद्र की सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं। दूसरी और लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भी विपक्षी एकजुटता के लिए अलग-अलग स्तरों पर कोशिश हो रही है।
केजरीवाल सरकार की ही तर्ज पर सोरेन ने झारखंड में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की पहल की है। राज्य में चुने गए स्कूलों को दिल्ली की तर्ज पर विकसित करने की योजना पर काम शुरू हुआ है। जाहिर है, दोनों नेताओं के बीच एक खास तरह का गुडविल बनता दिख रहा है।
--आईएएनएस
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