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नाबालिग लडक़ी व उसकी मां से रेप, 7 पुलिसकर्मियों सहित 18 के खिलाफ केस दर्ज
कैथल। जिला के क़स्बा कलायत थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव में एक नाबालिग लडक़ी व उसकी मां के साथ एक पुलिस एएसआई द्वारा रेप करने का मामला उजागर हुआ है। इस बारे में रेप में सहयोग करने, पीडि़तों को जबरन बंदी बनाने, आपराधिक साजिश रचने और दोनों को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में सात पुलिस कर्मियों, सरपंच सहित 18 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
नाबालिग ने शिकायत में कहा है कि सरपंच बीरबल और एक अन्य सुरजीत सिंह उसके वकील पिता से दुश्मनी रखते हैं। इसी दुश्मनी के चलते उन्होंने पुलिस से मिली भगत करके नाबालिग शिकायतकर्ता के पिता के खिलाफ एक लडक़ी के अपहरण का केस दर्ज करवा दिया था लेकिन अदालत में लडक़ी द्वारा बयान देने पर वह केस रद्द हो गया था। अब फिर से बीरबल और सुरजीत ने शिकायतकर्ता के वकील पिता के खिलाफ षडय़ंत्र रचा तथा एएसआई शमशेर सिंह के साथ मिलकर उसे फिर से झूठे केस में फंसाने की कोशिश की लेकिन इस बार बाजी उल्टी पड़ गई।
आरोप है कि बीरबल ने शमशेर को बीस हजार रुपए रिश्वत दी और वकील को फसाने का जाल बिछाया। इसके बाद एएसआई शमशेर सिंह ने शिकायतकर्ता और उसकी मां को घर से उठा लिया और थाने ले गए। थाने में दोनों को काफी देर तक बंद रखा गया जबकि वहां कोई महिला पुलिस कर्मी नहीं थी। थाने में दोनों के साथ मारपीट की गई और धमकी दी गई। इसके बाद शमशेर सिंह दोनों को एएसआई रोशन लाल, कांस्टेबल दिलावर सिंह, हैड कांस्टेबल रणदीप, ईएएसआई बजीर सिंह, महिला एएसआई धनपति व ईश्म सिंह की सहायता से उनके घर ले आए। वहां शमशेर सिंह ने जबरन दोनों के कपड़े उतारे और दोनों के साथ बलात्कार किया। दोनों को कई दिन तक कमरे में बंद भी रखा। इस बीच उक्त पुलिस कर्मी तथा बीरबल, सुरजीत, मेहर सिंह, बलविन्द्र, राजेश, चंद्रभान, रामधारी, देवेन्द्र, च्रद्रभान सिंह, सोनू, गुलाब व धनपति बाहर पहरा देते रहे। शमशेर व अन्य पुलिस वालों ने दोनों मां बेटी को जान से मारने की धमकी भी दी। दोनों को पैसे का लालच देकर भी मुंह बंद रखने को कहा गया। शमशेर सिंह ने दोनों पर वकील पिता के खिलाफ गवाही देने का दबाव भी बनाया। इससे पूर्व दोनों की बेरहमी से पिटाई की गई। इस बारे में पीडिताओं ने एसपी आस्था मोदी को शिकायत दी। इसी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने सभी 18 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी का समाचार नहीं है।
नाबालिग ने शिकायत में कहा है कि सरपंच बीरबल और एक अन्य सुरजीत सिंह उसके वकील पिता से दुश्मनी रखते हैं। इसी दुश्मनी के चलते उन्होंने पुलिस से मिली भगत करके नाबालिग शिकायतकर्ता के पिता के खिलाफ एक लडक़ी के अपहरण का केस दर्ज करवा दिया था लेकिन अदालत में लडक़ी द्वारा बयान देने पर वह केस रद्द हो गया था। अब फिर से बीरबल और सुरजीत ने शिकायतकर्ता के वकील पिता के खिलाफ षडय़ंत्र रचा तथा एएसआई शमशेर सिंह के साथ मिलकर उसे फिर से झूठे केस में फंसाने की कोशिश की लेकिन इस बार बाजी उल्टी पड़ गई।
आरोप है कि बीरबल ने शमशेर को बीस हजार रुपए रिश्वत दी और वकील को फसाने का जाल बिछाया। इसके बाद एएसआई शमशेर सिंह ने शिकायतकर्ता और उसकी मां को घर से उठा लिया और थाने ले गए। थाने में दोनों को काफी देर तक बंद रखा गया जबकि वहां कोई महिला पुलिस कर्मी नहीं थी। थाने में दोनों के साथ मारपीट की गई और धमकी दी गई। इसके बाद शमशेर सिंह दोनों को एएसआई रोशन लाल, कांस्टेबल दिलावर सिंह, हैड कांस्टेबल रणदीप, ईएएसआई बजीर सिंह, महिला एएसआई धनपति व ईश्म सिंह की सहायता से उनके घर ले आए। वहां शमशेर सिंह ने जबरन दोनों के कपड़े उतारे और दोनों के साथ बलात्कार किया। दोनों को कई दिन तक कमरे में बंद भी रखा। इस बीच उक्त पुलिस कर्मी तथा बीरबल, सुरजीत, मेहर सिंह, बलविन्द्र, राजेश, चंद्रभान, रामधारी, देवेन्द्र, च्रद्रभान सिंह, सोनू, गुलाब व धनपति बाहर पहरा देते रहे। शमशेर व अन्य पुलिस वालों ने दोनों मां बेटी को जान से मारने की धमकी भी दी। दोनों को पैसे का लालच देकर भी मुंह बंद रखने को कहा गया। शमशेर सिंह ने दोनों पर वकील पिता के खिलाफ गवाही देने का दबाव भी बनाया। इससे पूर्व दोनों की बेरहमी से पिटाई की गई। इस बारे में पीडिताओं ने एसपी आस्था मोदी को शिकायत दी। इसी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने सभी 18 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी का समाचार नहीं है।
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