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पत्रकार के साथ दबंगों ने की मारपीट, पुलिस ने उलटे पत्रकार के खिलाफ दर्ज किया केस
घटना के बाद जब पत्रकार अरुण कुमार यादव ने पुलिस से मदद की मांग की, तो रुद्रपुर थानेदार ने उनकी तहरीर पर कार्रवाई करने की बजाय, पत्रकार को ही थाने में लाकर घंटों जमीन पर बैठाए रखा। न सिर्फ यह, बल्कि पत्रकार के खिलाफ लूट और मारपीट के झूठे आरोप भी लगाए गए। यह रवैया देख पत्रकारों में पुलिस प्रशासन के प्रति गहरा असंतोष है।
इस पूरी घटना से परेशान होकर पत्रकार अरुण कुमार यादव ने रुद्रपुर कोतवाल रतन पांडेय के रवैये के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। पत्रकारों के मुताबिक, कोतवाल रतन पांडेय का यह व्यवहार पूरी तरह से असंवेदनशील और पक्षपाती था। रतन पांडेय इन दिनों स्थानीय मीडिया में काफी सुर्खियों में बने हुए हैं, लेकिन इस मामले ने उनकी कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना केवल एक पत्रकार के साथ हुई हिंसा का मामला नहीं है, बल्कि पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर एक बड़ा सवाल उठाती है। पत्रकारों का मानना है कि प्रशासन को उनके साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करना चाहिए और दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि ऐसे घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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