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झारखंड : पूर्व CM बाबूलाल मरांडी की 14 साल बाद घर वापसी कराने में इस तरह सफल हुए शाह!
रांची। बात 2014 की है, जब झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी मोदी लहर में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव हारकर बैठ चुके थे। उसी वक्त राज्यसभा के चुनाव होने वाले थे। भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने बाबूलाल मरांडी की लोकेशन पता की। पता चला कि वे कोलकाता में मौजूद हैं। तब अमित शाह ने वहां एक दूत के जरिए उन्हें पार्टी में शामिल होने का ऑफर भेजा। बाबूलाल मरांडी के लिए राज्यसभा जाने के दरवाजे खुले थे, मगर उन्होंने भाजपा में वापसी का ऑफर ठुकरा दिया।
कभी अमित शाह का ऑफर ठुकराने वाले बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को उनकी ही मौजूदगी में अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया। यह अमित शाह की छह साल की कोशिशों का नतीजा था जो संघ पृष्ठिभूमि के और आदिवासियों में गहरी पैठ रखने वाले बाबूलाल मरांडी की 14 साल बाद घर वापसी हुई। बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के भाजपा में विलय के लिए यहां जगन्नाथ मैदान में सोमवार को बड़ा समारोह हुआ।
इसे मिलन समारोह नाम दिया गया था। झाविमो और भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ मरांडी की घर वापसी की गवाह बनी। मरांडी ने अमित शाह के गले मिलकर पार्टी के विलय की घोषणा की। गृह मंत्री शाह ने बाबूलाल मरांडी के आने से पार्टी की ताकत कई गुना बढऩे की बात कही। उन्होंने कहा, आज मेरे लिए बड़े हर्ष का विषय है, क्योंकि मैं जब 2014 में पार्टी का अध्यक्ष बना, तभी से प्रयास कर रहा था कि बाबूलालजी भाजपा में आ जाएं।
साल 2000 में राज्य गठन के बाद पहले मुख्यमंत्री बने मरांडी को 2003 में ही आंतरिक कलह के कारण पद छोडऩा पड़ा था। आंतरिक असंतोष इस कदर बढ़ा कि 2006 में भाजपा से अलग होकर उन्होंने नई पार्टी बना ली। मरांडी की घर वापसी कराने में भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने सूत्रधार की भूमिका निभाई। खुद इस बात की पुष्टि बाबूलाल मरांडी ने सभा के दौरान कही।
कभी अमित शाह का ऑफर ठुकराने वाले बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को उनकी ही मौजूदगी में अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया। यह अमित शाह की छह साल की कोशिशों का नतीजा था जो संघ पृष्ठिभूमि के और आदिवासियों में गहरी पैठ रखने वाले बाबूलाल मरांडी की 14 साल बाद घर वापसी हुई। बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के भाजपा में विलय के लिए यहां जगन्नाथ मैदान में सोमवार को बड़ा समारोह हुआ।
इसे मिलन समारोह नाम दिया गया था। झाविमो और भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ मरांडी की घर वापसी की गवाह बनी। मरांडी ने अमित शाह के गले मिलकर पार्टी के विलय की घोषणा की। गृह मंत्री शाह ने बाबूलाल मरांडी के आने से पार्टी की ताकत कई गुना बढऩे की बात कही। उन्होंने कहा, आज मेरे लिए बड़े हर्ष का विषय है, क्योंकि मैं जब 2014 में पार्टी का अध्यक्ष बना, तभी से प्रयास कर रहा था कि बाबूलालजी भाजपा में आ जाएं।
साल 2000 में राज्य गठन के बाद पहले मुख्यमंत्री बने मरांडी को 2003 में ही आंतरिक कलह के कारण पद छोडऩा पड़ा था। आंतरिक असंतोष इस कदर बढ़ा कि 2006 में भाजपा से अलग होकर उन्होंने नई पार्टी बना ली। मरांडी की घर वापसी कराने में भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने सूत्रधार की भूमिका निभाई। खुद इस बात की पुष्टि बाबूलाल मरांडी ने सभा के दौरान कही।
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