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जवाहर कला केन्द्र के किताब उत्सव में दिखी नई पीढ़ी की पुस्तकों में विशेष रुचि
उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता नासिरा शर्मा, दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, अजन्ता देव और नन्द भारद्वाज रहे। सत्र का संचालन अंकिता आनंद ने किया। सत्यानन्द निरुपम ने किताब उत्सव और पुस्तक संस्कृति पर विस्तार से विचार व्यक्त किये । जानीमानी साहित्यकार अजंता देव ने कहा कि इस उत्सव से निश्चित ही लोगों का रुख किताबों की ओर मुड़ेगा। किसी भी संस्कृति को जानने के लिए या तो हमें किताबें पढ़नी पड़ती हैं या यात्राएं करनी पड़ती हैं। मंच पर उपस्थित साहित्यकार दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने कहा की पुस्तकों के पाठक तो हैं पर बाजार में अन्य दुकानों के समान पुस्तकों की दुकान नहीं है | नासिर शर्मा ने कहा की छोटे छोटे गाँव,कस्बों में लोगों में आज भी काफी भूख है | शोखिया लिखने वालों के चलते गंभीर रचना कारों को बड़ा नुकसान हो रहा है|
दूसरा सत्र 'भविष्य के पाठक' विषय पर केन्द्रित रहा, जिसमें दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, मनीषा कुलश्रेष्ठ, कुश वैष्णव, राहुल हेमराज और शुभम तिवारी से नवीन चौधरी ने बातचीत की। शुभम तिवारी ने कहा कि आज का युवा स्किल्स सीखना चाहता है, नई चीजें पढ़ना चाहता है। दुर्गाप्रसाद ने कहा कि अगली पीढ़ी का जो पाठक होगा वह बहुत ज्यादा अपडेटेड होगा। उसके पास बहुत जानकारियां होगी।
'किताब उत्सव' जवाहर कला केंद्र की अलंकार दीर्घ में चल रहा है और यह 8 अक्तूबर तक चलेगा।
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