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अंतरराष्ट्रीय अपहरण रैकेट का भंडाफोड़ - कोलकाता पुलिस ने 20 को छुड़ाया, तीन गिरफ्तार
कोलकाता । पश्चिम बंगाल की विधाननगर
सिटी पुलिस ने रविवार को कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल
(एनएससीबीआई) हवाई अड्डे के पास एक अंतरराष्ट्रीय अपहरण रैकेट का भंडाफोड़
कर गैंग के तीन मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों के साथ
संयुक्त अभियान में एनएससीबीआई हवाईअड्डे से 20 युवकों को छुड़ा लिया और
फिर उन्हें बाहर निकाला गया।
गिरफ्तार किए गए तीन लोगों की पहचान सुरेश सिन्हा, राकेश प्रसाद सिन्हा और धीरज दास के रूप में हुई है। पता चला है कि 16 सितंबर को हरियाणा के मूल निवासी नरेश कुमार ने एनएससीबीआई एयरपोर्ट थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बेटा राहुल कुमार 28 अगस्त से कोलकाता से लापता है। कुमार ने पुलिस को सूचित किया कि उनके बेटे को एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय रोजगार एजेंसी ने फंसाया था, जिसने उसे अमेरिका में एक नौकरी की पेशकश का लालच दिया था।
उसके पिता ने दावा किया, राहुल को इस मामले में औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कोलकाता आने के लिए कहा गया और उसके बाद उसका अपहरण कर लिया गया। बिधाननगर सिटी पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने नरेश कुमार से 49 लाख रुपये की फिरौती मांगी, जिसमें से उसने 40 लाख रुपये भी दे दिए।
बिधाननगर सिटी पुलिस के अधिकारियों ने जांच शुरू की और सूत्रों ने बताया कि अपहरण रैकेट के तीन मास्टरमाइंड राहुल कुमार सहित 20 युवाओं के साथ एनएससीबीआई हवाई अड्डे के माध्यम से देश से बाहर भागने का प्रयास कर रहे थे।
बिधाननगर सिटी पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "पता चला है कि अपहर्ताओं ने छुड़ाए गए इन सभी युवकों के परिवारों से फिरौती मांगी है। आरोपी दो तरह से पैसे कमाता था। वे परिवार के सदस्यों से मोटी रकम वसूल करते थे और दूसरा, विदेशों में युवाओं की तस्करी कर उसके माध्यम से भी अच्छी कमाई करते थे। हम पिछले मामलों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जहां वे विदेशों में युवाओं की तस्करी में सफल रहे हैं।"
--आईएएनएस
गिरफ्तार किए गए तीन लोगों की पहचान सुरेश सिन्हा, राकेश प्रसाद सिन्हा और धीरज दास के रूप में हुई है। पता चला है कि 16 सितंबर को हरियाणा के मूल निवासी नरेश कुमार ने एनएससीबीआई एयरपोर्ट थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बेटा राहुल कुमार 28 अगस्त से कोलकाता से लापता है। कुमार ने पुलिस को सूचित किया कि उनके बेटे को एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय रोजगार एजेंसी ने फंसाया था, जिसने उसे अमेरिका में एक नौकरी की पेशकश का लालच दिया था।
उसके पिता ने दावा किया, राहुल को इस मामले में औपचारिकताएं पूरी करने के लिए कोलकाता आने के लिए कहा गया और उसके बाद उसका अपहरण कर लिया गया। बिधाननगर सिटी पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने नरेश कुमार से 49 लाख रुपये की फिरौती मांगी, जिसमें से उसने 40 लाख रुपये भी दे दिए।
बिधाननगर सिटी पुलिस के अधिकारियों ने जांच शुरू की और सूत्रों ने बताया कि अपहरण रैकेट के तीन मास्टरमाइंड राहुल कुमार सहित 20 युवाओं के साथ एनएससीबीआई हवाई अड्डे के माध्यम से देश से बाहर भागने का प्रयास कर रहे थे।
बिधाननगर सिटी पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "पता चला है कि अपहर्ताओं ने छुड़ाए गए इन सभी युवकों के परिवारों से फिरौती मांगी है। आरोपी दो तरह से पैसे कमाता था। वे परिवार के सदस्यों से मोटी रकम वसूल करते थे और दूसरा, विदेशों में युवाओं की तस्करी कर उसके माध्यम से भी अच्छी कमाई करते थे। हम पिछले मामलों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जहां वे विदेशों में युवाओं की तस्करी में सफल रहे हैं।"
--आईएएनएस
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