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भीलवाड़ा में चोरी और लूट के अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, सरगना समेत 4 आरोपी गिरफ्तार
भीलवाडा । जिले के माण्डलगढ , बिजोलिया , कोटडी व आसपास के क्षेत्रों में स्थित जैन मंदिरों, घरों इत्यादि में चोरी व लूटपाट की घटनाओं का पर्दाफाश कर माण्डलगढ थाना पुलिस ने अन्तर्राज्य गिरोह के सरगना समेत 04 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफतार मुल्जिम राजू उर्फ राजदिप पुत्र सुरेश मालवीय (20) व सुलेन्द्र मालवीय उर्फ सुरेन्द्र पुत्र शम्भु लाल मालवीय (21) जिला नीमच मध्य प्रदेश व कचरू उर्फ कुचरू पुत्र रमेश चन्द्र कंजर (20) थाना बेगु जिला चितौडगढ एवं भुरीया कंजर उर्फ भूरा पुत्र प्रभु लाल (29) कंजर बस्ती थाना माण्डलगढ जिला भीलवाडा के रहने वाले है।
भीलवाड़ा एसपी ने बताया कि इन क्षेत्रों में चोरी व लूट की घटनाऐं लगातार हो रही थी, जिनमें विशेष रूप से जैन मन्दिरों को निशाना बनाया जा रहा था। घटना की गम्भीरता को देखते हुए इन घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने हेतुु एएसपी गजेन्द्र सिंह जोधा के सुपरवीजन व सीओ माण्डलगढ ज्ञानेद्र सिंह के नेतृत्व में माण्डलगढ , बिजोलिया व कोटडी थानों से विशेष टीमें गठित की गई।
गठित विशेष टीमों को मुखबिर सूचना तन्त्र एवं तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि शनिवार 18 सितम्बर को माण्डलगढ व आसपास के क्षेत्रों में चोरी व लूट की वारदाते करने के लिये एक गैंग आई हुई है, जिनकी सहायता कोई स्थानीय व्यक्ति कर रहा है। गठित टीम ने क्षेत्र में सक्रिय ऐसे व्यक्ति चिन्हित किये जो कि पडोसी राज्य के व्यक्तियों के साथ ज्यादा उठ-बैठ कर रहे थे। इस प्रकार विशेष टीम वारदात से पहले चार आरोपियों को धर लिया।
जिनसे गहन पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि इन लोगों द्वारा माण्डलगढ, बिजोलिया, कोटडी परिक्षेत्र में कई घटनाओं को अंजाम दिया है जिसमें मुख्य रूप से जैन मन्दिरों को निशाना बनाते हुए उनमें लगे चांदी के छत्र, तथा नगदी लूटपाट की घटनायें शामिल हैं। इनके अतिरिक्त इन्होंने उदयपुर व चित्तौडगढ में भी चोरी व लूटपाट की कई घटनाऐं की है।
एसपी विकास शर्मा ने बताया किइस गिरोह का मुख्य सरगना भूरिया कंजर है, जिसने चोरी व लूटपाट के लिये इस गैंग का गठन कर पडोसी राज्य मध्यप्रदेश से शातिर चोरों को शामिल किया। भूरिया इन लोगों को स्थानीय मन्दिरों व टार्गेट किये जाने वाले स्थान की सूचना व लोकेशन बताता था। सूचना के बाद इसके साथी बाईक से आते और क्षेत्र में चोरी व लूटपाट कर वापस चले जाते थे। गैंग के सदस्य मध्यप्रदेश से होने के कारण इनको पकडा जाना बहुत मुश्किल था। आने-जाने के लिए मोटरसाईकिल का प्रयोग करते जिससे कि कच्चे पक्के रास्तों पर आसानी से भाग सकें। लूटपाट में प्राप्त सोने चांदी के गहनों को सस्ते दामों में सुनार को बेच देतें थे।
भीलवाड़ा एसपी ने बताया कि इन क्षेत्रों में चोरी व लूट की घटनाऐं लगातार हो रही थी, जिनमें विशेष रूप से जैन मन्दिरों को निशाना बनाया जा रहा था। घटना की गम्भीरता को देखते हुए इन घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने हेतुु एएसपी गजेन्द्र सिंह जोधा के सुपरवीजन व सीओ माण्डलगढ ज्ञानेद्र सिंह के नेतृत्व में माण्डलगढ , बिजोलिया व कोटडी थानों से विशेष टीमें गठित की गई।
गठित विशेष टीमों को मुखबिर सूचना तन्त्र एवं तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि शनिवार 18 सितम्बर को माण्डलगढ व आसपास के क्षेत्रों में चोरी व लूट की वारदाते करने के लिये एक गैंग आई हुई है, जिनकी सहायता कोई स्थानीय व्यक्ति कर रहा है। गठित टीम ने क्षेत्र में सक्रिय ऐसे व्यक्ति चिन्हित किये जो कि पडोसी राज्य के व्यक्तियों के साथ ज्यादा उठ-बैठ कर रहे थे। इस प्रकार विशेष टीम वारदात से पहले चार आरोपियों को धर लिया।
जिनसे गहन पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि इन लोगों द्वारा माण्डलगढ, बिजोलिया, कोटडी परिक्षेत्र में कई घटनाओं को अंजाम दिया है जिसमें मुख्य रूप से जैन मन्दिरों को निशाना बनाते हुए उनमें लगे चांदी के छत्र, तथा नगदी लूटपाट की घटनायें शामिल हैं। इनके अतिरिक्त इन्होंने उदयपुर व चित्तौडगढ में भी चोरी व लूटपाट की कई घटनाऐं की है।
एसपी विकास शर्मा ने बताया किइस गिरोह का मुख्य सरगना भूरिया कंजर है, जिसने चोरी व लूटपाट के लिये इस गैंग का गठन कर पडोसी राज्य मध्यप्रदेश से शातिर चोरों को शामिल किया। भूरिया इन लोगों को स्थानीय मन्दिरों व टार्गेट किये जाने वाले स्थान की सूचना व लोकेशन बताता था। सूचना के बाद इसके साथी बाईक से आते और क्षेत्र में चोरी व लूटपाट कर वापस चले जाते थे। गैंग के सदस्य मध्यप्रदेश से होने के कारण इनको पकडा जाना बहुत मुश्किल था। आने-जाने के लिए मोटरसाईकिल का प्रयोग करते जिससे कि कच्चे पक्के रास्तों पर आसानी से भाग सकें। लूटपाट में प्राप्त सोने चांदी के गहनों को सस्ते दामों में सुनार को बेच देतें थे।
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