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हरियाणा में एडहॉक और एचकेआरएन के तहत चहेतों को ही दी जा रही है नौकरी : सैलजा

चंडीगढ़। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन और केंद्र सरकार जुमलेबाज सरकार बनकर रह गई है। घोषणाओं के नाम पर जुमले ही उछाले जाते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल 51 हजार नियुक्ति पत्र बांटे। ऐसा चुनाव को देखकर किया गया है क्योंकि देशभर में भाजपा की हालत पतली होती जा रही है।
हरियाणा में आज भी 1 लाख 82 हजार 497 पद खाली हैं।
स्थायी नौकरी देने के बजाए एडहॉक और एचकेआरएन के तहत अपने को ही नौकरी देकर वाहवाही लूटी जा रही है। जबकि बेरोजगार आज भी रोजगार की तलाश में प्रदेश से पलायन कर रहे हैं। प्रदेश में 40 से अधिक बार विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं, सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती। हरियाणा लोक सेवा आयोग घोटालों का सरताज बना हुआ है। एचसीएस के 96 पदों के लिए मुख्य परीक्षा में कुल 61 ही परीक्षार्थी पास दिखाए गए है, इसमें हेराफेरी की बू आ रही है, चहेतों के लिए नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार मेले के तहत सरकारी विभागों और संगठनों में नए भर्ती हुए कर्मचारियों को लगभग 51,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वायदा करने वाली भाजपा सरकार अपना वायदा पूरा नहीं कर पाई, आने वाले चुनाव का ख्याल करके ही 51,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए हैं, क्योंकि भाजपा को पता चल चुका है कि प्रदेश और देश में उसकी हालात अच्छी नहीं है।
इस बार जनता उसे सत्ता से बाहर करके रहेगी। चुनाव से पहले ही भाजपा को रोजगार देना याद आया है पहले युवाओं को रोजगार क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग जैसे संस्थाएं पंगु बनकर रह गई है, ये संस्थाएं नौकरी देने में विफल रही है। इनकी ओर से होने वाली परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होते रहे हैं, प्रश्न पत्रों में पिछले प्रश्न पत्रों के अधिकतर सवाल रिपीट कर परीक्षा को मजाक बनाकर रख दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा लोकसभा आयोग ने एचसीएस 96 पदों के लिए परीक्षा ली, मुख्य परीक्षा में 1200 परीक्षार्थी शामिल हुए जिनमें से 61 ही पास हुए है यानि पद ज्यादा और अभ्यर्थी कम हैं जबकि हरियाणा में बेरोजगारों की फौज खड़ी हुई है। नियम यह कहता है कि साक्षात्कार में कुल पदों से तीन गुना अभ्यर्थी बुलाए जाते हैं यहां तो पदों से आधे अभ्यर्थी हैं। यानी एचपीएससी अपनी मर्जी से नियमों में बदलाव करता है वो भी अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए।
हरियाणा लोकसेवा आयोग प्रतिभाओं के साथ मजाक कर रहा है और आज घोटालों का सरताज बनकर रह गया है। इसे भंग कर उच्च स्तरीय कमेटी इसकी जांच करें कि नौकरियों के नाम पर अब तक किस प्रकार बंदरबांट की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर स्थायी नौकरी देने की दिशा में कुछ नहीं किया जा रहा है। एडहॉक कर्मचारी रखकर काम चलाया जा रहा है, प्रदेश के सरकारी विभागों में कुल 4 लाख 45 हजार 849 पद स्वीकृत है जिनमें से दो लाख 62 हजार 497 पद ही भरे हुए है।
सभी विभागों में हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के माध्यम से तीन तीन माह के लिए रोजगार दे रही है, वहां पर भी अपने चहेतों का प्रमुखता दी जा रही है या एचकेआरएन कर्मचारियों और अधिकारियों से सांठगांठ कर लोग नौकरी खरीद रहे हैं। पारदर्शिता से और योग्यता के आधार पर नौकरी देना भी एक जुमला बनकर रह गया है। युवाओं को रोजगार देने की दिशा में सरकार को निष्पक्षता के साथ कदम उठाना चाहिए।
स्थायी नौकरी देने के बजाए एडहॉक और एचकेआरएन के तहत अपने को ही नौकरी देकर वाहवाही लूटी जा रही है। जबकि बेरोजगार आज भी रोजगार की तलाश में प्रदेश से पलायन कर रहे हैं। प्रदेश में 40 से अधिक बार विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं, सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती। हरियाणा लोक सेवा आयोग घोटालों का सरताज बना हुआ है। एचसीएस के 96 पदों के लिए मुख्य परीक्षा में कुल 61 ही परीक्षार्थी पास दिखाए गए है, इसमें हेराफेरी की बू आ रही है, चहेतों के लिए नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार मेले के तहत सरकारी विभागों और संगठनों में नए भर्ती हुए कर्मचारियों को लगभग 51,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वायदा करने वाली भाजपा सरकार अपना वायदा पूरा नहीं कर पाई, आने वाले चुनाव का ख्याल करके ही 51,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए हैं, क्योंकि भाजपा को पता चल चुका है कि प्रदेश और देश में उसकी हालात अच्छी नहीं है।
इस बार जनता उसे सत्ता से बाहर करके रहेगी। चुनाव से पहले ही भाजपा को रोजगार देना याद आया है पहले युवाओं को रोजगार क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग जैसे संस्थाएं पंगु बनकर रह गई है, ये संस्थाएं नौकरी देने में विफल रही है। इनकी ओर से होने वाली परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होते रहे हैं, प्रश्न पत्रों में पिछले प्रश्न पत्रों के अधिकतर सवाल रिपीट कर परीक्षा को मजाक बनाकर रख दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा लोकसभा आयोग ने एचसीएस 96 पदों के लिए परीक्षा ली, मुख्य परीक्षा में 1200 परीक्षार्थी शामिल हुए जिनमें से 61 ही पास हुए है यानि पद ज्यादा और अभ्यर्थी कम हैं जबकि हरियाणा में बेरोजगारों की फौज खड़ी हुई है। नियम यह कहता है कि साक्षात्कार में कुल पदों से तीन गुना अभ्यर्थी बुलाए जाते हैं यहां तो पदों से आधे अभ्यर्थी हैं। यानी एचपीएससी अपनी मर्जी से नियमों में बदलाव करता है वो भी अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए।
हरियाणा लोकसेवा आयोग प्रतिभाओं के साथ मजाक कर रहा है और आज घोटालों का सरताज बनकर रह गया है। इसे भंग कर उच्च स्तरीय कमेटी इसकी जांच करें कि नौकरियों के नाम पर अब तक किस प्रकार बंदरबांट की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर स्थायी नौकरी देने की दिशा में कुछ नहीं किया जा रहा है। एडहॉक कर्मचारी रखकर काम चलाया जा रहा है, प्रदेश के सरकारी विभागों में कुल 4 लाख 45 हजार 849 पद स्वीकृत है जिनमें से दो लाख 62 हजार 497 पद ही भरे हुए है।
सभी विभागों में हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के माध्यम से तीन तीन माह के लिए रोजगार दे रही है, वहां पर भी अपने चहेतों का प्रमुखता दी जा रही है या एचकेआरएन कर्मचारियों और अधिकारियों से सांठगांठ कर लोग नौकरी खरीद रहे हैं। पारदर्शिता से और योग्यता के आधार पर नौकरी देना भी एक जुमला बनकर रह गया है। युवाओं को रोजगार देने की दिशा में सरकार को निष्पक्षता के साथ कदम उठाना चाहिए।
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