आईएचजीएफ मेला 2025: हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने का वैश्विक मंच- गिरिराज सिंह

गिरिराज सिंह ने भारतीय हस्तशिल्प की समृद्ध परंपरा की सराहना करते हुए इसे वैश्विक स्तर पर सराहे जाने वाले मंच के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि विश्व भर में हस्तनिर्मित उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जो भारतीय शिल्पकारों के लिए एक बड़ा अवसर है। उन्होंने निर्यातकों को बाजारों में विविधता लाने और एफटीए की संभावनाओं का पता लगाने का आग्रह किया।
ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा कि आईएचजीएफ दिल्ली मेला भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता और डिजाइन के प्रति अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के विश्वास को मजबूत करता है। उन्होंने बताया कि अमेरिकी बाजार में चुनौतियों के बावजूद, खरीदारों का पंजीकरण उत्साहजनक है, जो भारतीय शिल्पकारी के प्रति अंतरराष्ट्रीय बाजार के भरोसे को दर्शाता है।
मेले में 3,000 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं, जो होम, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर और इंटीरियर डिजाइन के उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, इंडिया एक्सपो सेंटर में 900 स्थायी शोरूम भी हैं, जो खरीदारों के लिए सोर्सिंग के अवसर प्रदान करते हैं। मेले में तकनीकी सेमिनार और कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जा रहा है, जिनमें एआई, साइबर सुरक्षा और प्रभावी बूथ डिजाइन जैसे विषयों पर चर्चा होगी। ये कार्यक्रम निर्यातकों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बने रहने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करेंगे।
ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि मेले में बड़ी संख्या में विदेशी खरीदार और थोक विक्रेता भाग ले रहे हैं, जो भारतीय हस्तशिल्प की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि 2024-25 में हस्तशिल्प का अनुमानित निर्यात 33,490.79 करोड़ रुपये रहा। आईएचजीएफ दिल्ली मेला भारतीय हस्तशिल्प उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जो निर्यातकों को नए व्यापारिक अवसर प्रदान करता है और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करता है।
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