अगर किरोड़ीलाल मीणा का आउट ऑफ दी वे जा के टेलीफोन टेप किया है तो क्राइम किया है सरकार ने : आशोक गहलोत

गहलोत ने कहा कि मैं तो क्या कमेंट कर सकता हूं, क्योंकि इस बात का रहस्य बना हुआ है कि, अध्यक्ष जी मेरे पास खड़े हैं, ये भी वहां मौजूद थे, मिस्टर जूली जो नेता प्रतिपक्ष हैं वो वहीं थे, पूरा हाउस का विपक्ष मांग कर रहा था भई आप बताइए वास्तविकता क्या है। मेरे वक्त में भी आरोप लगे थे टेलीफोन टेप के , मैनें खुद ने हाउस में खड़े होके कहा कोई भी मेंबर ऑफ पार्लियामेंट का एमपी का, एमएलए का टेलीफोन टेप न हुआ है, न हो रहा है, न होगा आगे। तो अगर टेप नहीं हो रहा है तो मेरी तरह मिस्टर भजनलाल जी को जो नेता हैं सदन के, मुख्यमंत्री भी हैं गृह मंत्री भी हैं, उनको मेरी तरह बात कहने का क्यों नहीं भाव आया? क्यों नहीं उन्होंने स्पष्ट किया प्रदेशवासियों को कोई टेप नहीं किया गया है किरोड़ीलाल मीणा जी का। बात खत्म हो जाती, विपक्ष के साथी सहयोग करते, बहस होती, जो बहस चल रही थी अभिभाषण पर। मिस्टर जूली जवाब देते, बोलते, मुख्यमंत्री जवाब सुनते। एकतरफा जवाब मिल रहा है मुख्यमंत्री जी का दो घंटे तक, और दो घंटे में क्या क्या बोले वो, अगर उनकी स्पीच को कोई आम नागरिक भी मंगाए असेंबली से, ऑनलाइन देखे, तो लगता है ये मुख्यमंत्री की स्पीच है या नेता प्रतिपक्ष बोल रहा है कोई। जब हमारी सरकार थी, तो कटारिया जी बोलते थे उससे ही आगे बढ़कर भाषण दिया इन्होंने वहां पर, जो समझ के परे है हमारे।
टेलीफोन टेप की परंपरा राजस्थान में मैं यह कह सकता हूं दावे के साथ में, कानून भी एलाऊ नहीं करता है टेलीफोन टेप करना किसी का जब तक कि एंटी सोशल एलिमेंट है, उसके ऊपर आरोप है, शक बना हुआ है, राजद्रोह का काम कर रहा है, उनके टेलीफोन टेप करने का प्रोसेस होता है वो भी। कोई भी अधिकारी टेलीफोन टेप नहीं कर सकता है। होम मिनिस्ट्री से परमिशन लेनी पड़ती है उसके लिए , पूरा प्रोसेस बना हुआ है। हवा में आरोप लगाते रहते हैं कुछ लोग तो। अब इस केस में किरोड़ीलाल मीणा जी का क्या हुआ है, अगर आउट ऑफ दी वे जा के टेलीफोन टेप किया है तो क्राइम किया है सरकार ने। स्पष्ट कौन करेगा? हम तो नहीं कर सकते। मिस्टर बेढ़म बाहर आकर बोले हैं हाउस के बाहर। हाउस के अंदर क्यों नहीं बोले वो? इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए।
पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि, चौधरी हरलाल सिंह जी उस जमाने के बहुत बड़े फ्रीडम फाइटर रहे हैं, किसानों के मसीहा रहे हैं, उस वक्त की जागीरदारी प्रथा के खिलाफ में जो संघर्ष किया वो इतिहास में दर्ज है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नेतृत्व किया उन्होंने। उनको हम सब याद करते हैं,उनका कृतित्व व्यक्तित्व बेमिसाल था, हम तो कहना चाहेंगे युवा पीढ़ी को भी जो हमारे फ्रीडम फाइटर्स थे देश के अंदर, प्रदेश के अंदर, उनको भूलना नहीं चाहिए।
दुर्भाग्य से देश में ऐसा माहौल बना दिया है बीजेपी ने आरएसएस ने कि नई पीढ़ी महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू हो, सरदार पटेल हो, मौलाना आजाद हो या अंबेडकर हो, कोई मतलब नहीं है। इतना गैप हो रहा है जो कि नहीं होना चाहिए। उसी ढंग से हमारे राजस्थान के जो फ्रीडम फाइटर्स हैं, उनको भी समय समय पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी याद करने का यहां पर व्यवस्था कर रखी है। हमारे कार्यकर्ता आते हैं, श्रद्धासुमन चढ़ाते हैं ये परंपरा हमनें कायम कर रखी है। हम चाहेंगे कि यह परंपरा लोगों के दिलों में जाए ये हमारी भावना है और मैं कह सकता हूं कि सरदार साहब का नाम बहुत बड़ा था, उनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए और संकल्प लेते हैं कि आने वाले वक्त के अंदर भी कम से कम राजस्थान के अंदर जैसे महात्मा गांधी का यहां पर वाटिका बनी म्यूजियम बना, विभाग खुला पीस एंड नॉन वायलेंस का,शांति व अहिंसा का विभाग हिंदुस्तान में एकमात्र राजस्थान सरकार ने खोला था, ट्रेनिंग कैंप हो गए सब ब्लॉक के अंदर, आज वो हमारे युवा जो हैं पूरे प्रदेश के अंदर वो कम से कम महात्मा गांधी की बात करते हैं। और जो गांधीवादी हैं राष्ट्रीय स्तर के वो कहते हैं कि हिंदुस्तान में एकमात्र राजस्थान राज्य है जहां पर पूरा प्रदेश गांधी की बात करता है क्योंकि सरकार ने खुद ने आगे आकर के स्टेप उठाया। महात्मा गांधी के नाम से हमनें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की तरह जो इंस्टीट्यूट बना रहे हैं हम लोग, आपने देखना होगा कॉमर्स कॉलेज के सामने शानदार बिल्डिंग बन गई है। तो कहने का मतलब यह कि राजस्थान अग्रणी है इन बातों के अंदर और यही हम भावना चाहेंगे कि युवा पीढ़ी के अंदर आने वाले वक्त के अंदर, चाहे प्रदेश कांग्रेस कमेटी, अध्यक्ष जी हैं, हम सब हैं हम चाहेंगे कि राजस्थान के नौजवानों को जो है विशेष रूप से अभियान चला के हम उनको प्रेरणा देंगे कि आने वाली पीढ़ी जो इतिहास बनाता है उसको याद करता है तब इतिहास बनता है।
आज जो ये नरेंद्र मोदी जी और जो ये नेता बने बैठे हैं दिल्ली के अंदर ये अपने इतिहास को भुला रहे हैं। आलोचना करते हैं पंडित नेहरू की, इंदिरा गांधी की जिन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे और पंडित नेहरू का तो व्यक्तित्व पूरी दुनिया के अंदर अलग स्थान रखता है। जो इतिहास को भूल जाते हैं वो खुद का इतिहास कभी नहीं बना पाएंगे मेरा मानना है। ये जितनी बातें कर रहे हैं ,यहां इस देश में माहौल बड़ा खतरनाक है, डरावना माहौल है ,हिंसा का माहौल है ,भय का माहौल है, इस माहौल के अंदर देश के जो हालत बने हैं वो चिंता का विषय बना हुआ है। मैं यही कहना चाहूंगा इस मौके पर ,नई पीढ़ी को टार्गेट बनाकर हम काम करेंगे आने वाले वक्त के अंदर।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
जयपुर
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement
Traffic
Features
