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भूखे बुजुर्ग सूखे कुएं में लगाई छलांग, मौत
उन्होंने बताया कि "अब तक कि जांच में यह पता नहीं चला कि उसने खुद कुएं में कूद कर आत्महत्या की है या फिर गलती से गिरा है। पर, ग्रामीणों ने यह जरूर बताया कि उसके लड़के-बहू उसके साथ मारपीट करते थे और खाना नहीं देते थे।"
वहीं, शिवपाल के भाई की बहू सियापति ने बताया कि "देवर कमलेश और देवरानी सुनीता उसे कई-कई दिनों तक खाना नहीं देते थे। कभी-कभार वह गांव बस्ती में रोटी मांग कर खा लेता था तो इस पर भी उसकी देवरानी मारपीट करती थी और कहती थी कि 'बुढ़वा गांव में हमारी बेइज्जती करवा रहा है'।"
उसने बताया कि "चचिया ससुर शिवपाल ने खाना न मिलने की शिकायत गांव प्रधान और कमासिन पुलिस से भी की थी, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।"
सियापति कहती है कि "अस्सी साल का बुड्ढा भूख कब तक बर्दाश्त करता, इसलिए उसने कुएं में कूद कर जान दे दी है।"
जबकि, शिवपाल का बेटा कमलेश बताता है कि "रविवार शाम उसका पिता शौंच के लिए घर से बाहर गया था, लेकिन रात भर घर न लौटने पर सोमवार सुबह उसकी तलाश की गई तो सूखे कुएं में मरा पड़ा मिला।" उसने स्वीकार किया कि "पत्नी सुनीता से उसकी नहीं पटती थी और अक्सर दोनों के बीच झगड़ा होता रहता था। लेकिन पिता को भोजन आदि की कोई दिक्कत नहीं थी।"
बबेरू के उपजिलाधिकारी महेंद्र सिंह ने कहा कि "इस घटना की जानकारी मुझे नहीं थी। अब पता चला है तो अलग से जांच करवाई जाएगी और चूंकि उसके लड़का-बहू ने उसकी परवरिश नहीं की है, इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" (आईएएनएस)
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