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मानव तस्करी- जार्डन में फंसे है यहां के पांच युवक
पीलीभीत। यूपी के पीलीभीत में बेरोजगारों को विदेश में नौकरी का सपना
दिखाकर मानव तस्करी करने के मामले में विदेश मंत्रालय सख्त है। वहां के
दिशा निर्देश के वाद पुलिस अधिकारियों ने होमवर्क शुरू कर दिया है। अभी
तक इसमें धोखा धड़ी की धाराएं अपराधियों पर पुलिस ने दर्ज की थी। विदेश
मंत्रालय ने इस प्रकरण में मानव तस्करी से जोड़ने की बात कही है।
यहाँ से दलालों के माध्यम से नौकरी पर गए सात युवक जाॅर्डन में फंस गए है। दो लोग जब वापस आये तो उन्होंने जार्डन की कहानी सुनाई और वहाँ फंसे लोगों का एक वीडियो भी दिखाया। जिसमें वे बेहद अमानवीय परिस्थितियों में रह रहते दिख रहे है। 5 युवक अभी भी जार्डन में ही फंसे हैं। जिनको लेकर परिजनों ने विदेश मंत्रालय व स्थानीय पुलिस से गुहार लगाई है। विदेश मंत्रालय ने स्थानीय पुलिस को निर्देशित कर आरोपी दलाल के खिलाफ इमीग्रेसन एक्ट व मानव तस्करी के आरोप के तहत मुकदमा दर्ज करने के भी निर्देश दिए है। मामला सेहरामऊ थाना क्षेत्र का है।
तराई के पीलीभीत में रोजगार के अवसर कम होने के कारण यहाँ से बड़े पैमाने पर युवक विदेश में नौकरी के सपने देखते है। जिसका फायदा यहाँ के कबूतरबाज गिरोह के लोग अक्सर उठाकर मानव तस्करी को अंजाम देते है। ताजा मामला सेहरामऊ उत्तरी थाने का है। जहाँ के कजरी निरंजनपुर निवासी कबूतरबाज गिरोह के सदस्य गुरदीप सिंह ने दो-दो लाख रुपए लेकर थाना क्षेत्र के ही सात युवकों को नौकरी का झांसा देकर जाॅर्डन भेज दिया था। उनसे जार्डन में आजाद वीजा देने का वायदा किया गया था। लेकिन उन्हें महज 10 दिनों के टूरिस्ट वीजा पर भेज दिया गया। जिसके बाद से ही वे जार्डन में जाकर फंस गए।
जॉर्डन से किसी तरह लौटा पीड़ित जिसने वहां रह रहे युवकों की हालत बताई।
जॉर्डन से बनाकर भेजी गई वीडियो के मुताबिक खाने के लिए एक बड़ी सी रोटी दे दी जाती है जिसे सभी युवकों को तोड़कर खाना होता है
विदेश मंत्रालय ने पीड़ितों की फरियाद पर स्थानीय पुलिस को इमीग्रेसन एक्ट और मानव तस्करी के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रोटेक्टर आॅफ इमीग्रेंट्स रायबरेली को भी मामले पर नजर बनाये रखने के निर्देश दिए हैं। विदेश मंत्रालय के निर्देश के बाद भी पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
एएसपी रोहित मिश्रा ने कहा कि मामले का संज्ञान लेते हुए जल्द कार्रवाई की जाएगी।
यहाँ से दलालों के माध्यम से नौकरी पर गए सात युवक जाॅर्डन में फंस गए है। दो लोग जब वापस आये तो उन्होंने जार्डन की कहानी सुनाई और वहाँ फंसे लोगों का एक वीडियो भी दिखाया। जिसमें वे बेहद अमानवीय परिस्थितियों में रह रहते दिख रहे है। 5 युवक अभी भी जार्डन में ही फंसे हैं। जिनको लेकर परिजनों ने विदेश मंत्रालय व स्थानीय पुलिस से गुहार लगाई है। विदेश मंत्रालय ने स्थानीय पुलिस को निर्देशित कर आरोपी दलाल के खिलाफ इमीग्रेसन एक्ट व मानव तस्करी के आरोप के तहत मुकदमा दर्ज करने के भी निर्देश दिए है। मामला सेहरामऊ थाना क्षेत्र का है।
तराई के पीलीभीत में रोजगार के अवसर कम होने के कारण यहाँ से बड़े पैमाने पर युवक विदेश में नौकरी के सपने देखते है। जिसका फायदा यहाँ के कबूतरबाज गिरोह के लोग अक्सर उठाकर मानव तस्करी को अंजाम देते है। ताजा मामला सेहरामऊ उत्तरी थाने का है। जहाँ के कजरी निरंजनपुर निवासी कबूतरबाज गिरोह के सदस्य गुरदीप सिंह ने दो-दो लाख रुपए लेकर थाना क्षेत्र के ही सात युवकों को नौकरी का झांसा देकर जाॅर्डन भेज दिया था। उनसे जार्डन में आजाद वीजा देने का वायदा किया गया था। लेकिन उन्हें महज 10 दिनों के टूरिस्ट वीजा पर भेज दिया गया। जिसके बाद से ही वे जार्डन में जाकर फंस गए।
जॉर्डन से किसी तरह लौटा पीड़ित जिसने वहां रह रहे युवकों की हालत बताई।
जॉर्डन से बनाकर भेजी गई वीडियो के मुताबिक खाने के लिए एक बड़ी सी रोटी दे दी जाती है जिसे सभी युवकों को तोड़कर खाना होता है
विदेश मंत्रालय ने पीड़ितों की फरियाद पर स्थानीय पुलिस को इमीग्रेसन एक्ट और मानव तस्करी के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रोटेक्टर आॅफ इमीग्रेंट्स रायबरेली को भी मामले पर नजर बनाये रखने के निर्देश दिए हैं। विदेश मंत्रालय के निर्देश के बाद भी पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है।
एएसपी रोहित मिश्रा ने कहा कि मामले का संज्ञान लेते हुए जल्द कार्रवाई की जाएगी।
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