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कैसे आईफोन खरीदने के लिए शख्स ने रची अपने ही अपहरण की साजिश..यहां पढ़े

सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में नौवीं कक्षा के एक छात्र ने फिरौती की रकम से आईफोन खरीदने के लिए खुद के अपहरण की साजिश रची। छात्र के पिता छोटे से कपड़े की दुकान के मालिक है। पैसों की तंगी के वजह से उन्होंने अपने बेटे को आईफोन दिलाने से मना कर दिया था।
हालांकि, नाबालिग को तब पकड़ा गया जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और उसके दोस्त के घर तक उसकी लोकेशन ट्रेस की।
लड़के ने अपने दोस्त के फोन से फिरौती के लिए फोन कर पिता से पांच लाख रुपये मांगे थे।
सीतापुर कोतवाली एसएचओ टी.पी. सिंह ने बताया कि लड़का सरकारी स्कूल में पढ़ता है और अपने पिता के साथ रहता है। एक साल की उम्र में उसकी मां का देहांत हो गया था।
सिंह ने कहा, जब छात्र बुधवार को स्कूल के बाद घर नहीं लौटा, तो उसके पिता और अन्य रिश्तेदारों ने उसे ढूंढना शुरू किया। बाद में, उन्हें व्हाट्सएप पर 5 लाख रुपये की फिरौती का कॉल आया। यह राशि खैराबाद में एक मस्जिद के पास पहुंचाई जानी थी।
पिता द्वारा पुलिस को सूचना दिए जाने के बाद पुलिस, जिले की साइबर और एसओजी की टीमें मामले की पड़ताल में जुट गईं।
एसएचओ ने कहा, हमने शिकायतकर्ता को उसके बेटे के बचाव के बारे में आश्वासन दिया और जब वह अपने बेटे की सुरक्षित रिहाई के लिए राशि एकत्र कर रहा था, तब उनके साथ एक टीम भी शामिल थी।
बाद में रात में पुलिस ने फिरौती की कॉल के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन की लोकेशन का पता लगा लिया था।
जब मोबाइल फोन के मालिक से पूछताछ की गई, तो यह पता चला कि फोन उसका बेटा इस्तेमाल कर रहा था, जो कक्षा 9 का छात्र था।
एसएचओ ने कहा, क्लास 9 के छात्र ने पूछताछ में सब कुछ उगल दिया। बाद में, एक अन्य टीम ने लापता बच्चे को उसके घर से ढूंढ निकाला।
काउंसलिंग के बाद लड़के को उसके पिता को सौंप दिया गया है।(आईएएनएस)
हालांकि, नाबालिग को तब पकड़ा गया जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और उसके दोस्त के घर तक उसकी लोकेशन ट्रेस की।
लड़के ने अपने दोस्त के फोन से फिरौती के लिए फोन कर पिता से पांच लाख रुपये मांगे थे।
सीतापुर कोतवाली एसएचओ टी.पी. सिंह ने बताया कि लड़का सरकारी स्कूल में पढ़ता है और अपने पिता के साथ रहता है। एक साल की उम्र में उसकी मां का देहांत हो गया था।
सिंह ने कहा, जब छात्र बुधवार को स्कूल के बाद घर नहीं लौटा, तो उसके पिता और अन्य रिश्तेदारों ने उसे ढूंढना शुरू किया। बाद में, उन्हें व्हाट्सएप पर 5 लाख रुपये की फिरौती का कॉल आया। यह राशि खैराबाद में एक मस्जिद के पास पहुंचाई जानी थी।
पिता द्वारा पुलिस को सूचना दिए जाने के बाद पुलिस, जिले की साइबर और एसओजी की टीमें मामले की पड़ताल में जुट गईं।
एसएचओ ने कहा, हमने शिकायतकर्ता को उसके बेटे के बचाव के बारे में आश्वासन दिया और जब वह अपने बेटे की सुरक्षित रिहाई के लिए राशि एकत्र कर रहा था, तब उनके साथ एक टीम भी शामिल थी।
बाद में रात में पुलिस ने फिरौती की कॉल के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन की लोकेशन का पता लगा लिया था।
जब मोबाइल फोन के मालिक से पूछताछ की गई, तो यह पता चला कि फोन उसका बेटा इस्तेमाल कर रहा था, जो कक्षा 9 का छात्र था।
एसएचओ ने कहा, क्लास 9 के छात्र ने पूछताछ में सब कुछ उगल दिया। बाद में, एक अन्य टीम ने लापता बच्चे को उसके घर से ढूंढ निकाला।
काउंसलिंग के बाद लड़के को उसके पिता को सौंप दिया गया है।(आईएएनएस)
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