Hindustan Zinc Green Campaign: Over 8.7 lakh animals benefit from life-enhancing initiatives, 5 crore rupees give a new dimension to crocodile conservation-m.khaskhabar.com
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Nov 17, 2025 5:58 am
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हिन्दुस्तान जिंक का हरित अभियान : 8.7 लाख से अधिक पशुओं को मिला जीवन-संवर्धन, 5 करोड़ से मगर संरक्षण को नया आयाम

khaskhabar.com: शनिवार, 04 अक्टूबर 2025 3:59 PM (IST)
हिन्दुस्तान जिंक का हरित अभियान : 8.7 लाख से अधिक पशुओं को मिला जीवन-संवर्धन, 5 करोड़ से मगर संरक्षण को नया आयाम
उदयपुर। देश की अग्रणी जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने पशु कल्याण और जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उदाहरण पेश किया है। वर्ष 2016 से अब तक कंपनी की पहलों से 8.7 लाख से अधिक पशु लाभान्वित हुए हैं। पशु स्वास्थ्य शिविरों, उपचार कार्यक्रमों और वन्यजीव संरक्षण गतिविधियों के जरिये कंपनी ने सामाजिक दायित्वों के नए मानक गढ़े हैं। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक अरुण मिश्रा ने कहा- “पशु कल्याण और जैव विविधता संरक्षण हमारे सस्टेनेबल एजेंडा के केंद्र में हैं। हमारे प्रयास न केवल लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में सहायक हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुधन के स्वास्थ्य और उत्पादकता को भी सुदृढ़ करते हैं। पर्यावरणीय संतुलन और सामुदायिक समृद्धि साथ-साथ चल सकते हैं — यही हमारा विश्वास है।” बाघदड़ा मगरमच्छ अभयारण्य का कायाकल्प
उदयपुर वन विभाग के साथ कंपनी ने 5 करोड़ रुपए का समझौता (MoU) कर बाघदड़ा मगरमच्छ अभयारण्य और इको-टूरिज्म को विकसित करने का बीड़ा उठाया है। परियोजना का उद्देश्य भारत के प्रतिष्ठित सरीसृप क्रोकोडाइल (मगरमच्छ) के प्राकृतिक आवास को पुनर्स्थापित करना है।
प्रारंभिक चरण में 5,000 पौधों का वनीकरण, जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण और इको-ट्रेल्स तैयार की जा रही हैं ताकि पर्यटक जिम्मेदारी से प्रकृति का अनुभव कर सकें। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों के लिए सस्टेनेबल आजीविका के अवसर सृजित करने हेतु सामुदायिक-आधारित इको-टूरिज्म की सुविधाएँ भी विकसित की जा रही हैं।
राजस्थान में मोरों का आशियाना और वनस्पति संरक्षण
हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी कायड खदान में भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर के लिए पीकॉक पार्क विकसित किया है। इसके अतिरिक्त, कायड और रामपुरा आगुचा माइंस में लुप्तप्राय प्रजाति नर्सरी स्थापित की गई है, जहाँ दुर्लभ वनस्पतियों को संरक्षण और संवर्धन का अवसर मिल रहा है।
कंपनी के परिचालन स्थलों पर पक्षियों के घोंसले, दाना स्टेशन, बटरफ्लाई गार्डन और जलाशय बनाए गए हैं — जो स्थानीय जैव विविधता को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
पशु स्वास्थ्य और कल्याण अभियान
वेदांता समूह की पहल The Animal Care Organization (TACO) के सहयोग से हिन्दुस्तान जिंक पशु कल्याण के क्षेत्र में व्यापक कार्य कर रही है।कंपनी के पशु कल्याण केंद्रों, स्वास्थ्य शिविरों और लम्पी स्किन डिजीज निवारण अभियान के तहत हजारों पशुओं को जीवन-सुरक्षा मिली है। साथ ही रिफ्लेक्टिव कॉलर पहल के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने का अभिनव प्रयास किया गया है।
ये सभी कार्यक्रम किसानों को पशुधन प्रबंधन, रोग नियंत्रण और उत्पादकता वृद्धि के लिए जागरूक एवं सशक्त बना रहे हैं।
संरक्षण से समृद्धि तक
हिन्दुस्तान जिंक के ये सभी प्रयास Taskforce on Nature-related Financial Disclosures (TNFD) और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (UN SDGs) के अनुरूप हैं। कंपनी ने यह सिद्ध कर दिया है कि औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।
वन्यजीवों की रक्षा, प्राकृतिक आवासों के पुनर्जीवन और स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण के माध्यम से हिन्दुस्तान जिंक भारत में जिम्मेदार खनन और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व का नया अध्याय लिख रही है।

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