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जेजेटी यूनिवर्सिटी में मनाया हिन्दी दिवस

सहायक कुलसचिव (अकादमिक) डॉ. धमेन्द्र ने कहा कि हिंदी मातृभूमि पर मर मिटने की शक्ति है। हिन्दी भाषा भारत की एकता और अखंडता की पहचान है। हिन्दी भाषा का सम्मान देश का सम्मान है।
विश्वविद्यालय के खेल निदेशक डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि कोई भी हिन्दुस्तानी जहां भी हो दूसरे हिन्दुस्तानी से हिन्दी भाषा के माध्यम से ही अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करता है। अपने दिल और मन की बात अगर किसी भाषा में सहजता से की जा सकती है तो वह हिन्दी भाषा ही है आज देश का शायद ही ऐसा कोई हिस्सा हो जहाँ हिन्दी सहजता से बोली या समझी ना जाती हो ।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. अनिल कड़वासरा ने कहा कि हिन्दी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि आजादी मिलने के 2 वर्ष के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिन्दी को राजभाषा घोषित किया गया था। इस निर्णय के बाद हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा l वर्षा यादव,योगेश, दिव्या,एंजेल, जुनेरिया,मनीषा,पीयूष,जसवंत सहित कई विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया l
हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. धनेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. नाजिया हुसेन ने किया। कार्यक्रम में मुख्य वित्त अधिकारी डॉ. अमन गुप्ता, सहायक कुलसचिव डॉ. इकराम कुरैशी, डीन अकादमिक डॉ. रामदर्शन फोगाट, हेड एच आर डॉ. महेश सिंह राजपूत, डॉ. सुरेन्द्र, डॉ.विजयमाला, डॉ. वी.डी. गुप्ता सभी संकायों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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