Himachal High Court strict stance: Crackdown on illegal stone-crushers in Nalagarh, order to Pollution Control Board to take action-m.khaskhabar.com
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हिमाचल हाईकोर्ट का सख्त रुख : नालागढ़ में अवैध स्टोन-क्रशरों पर शिकंजा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई का आदेश

khaskhabar.com : शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024 12:15 PM (IST)
हिमाचल हाईकोर्ट का सख्त रुख : नालागढ़ में अवैध स्टोन-क्रशरों पर शिकंजा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई का आदेश
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नालागढ़ में अवैध माइनिंग और नियमों की अनदेखी कर चल रहे स्टोन-क्रशरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। एक्टिंग चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह खुद जाकर इन स्टोन-क्रशरों का निरीक्षण करें और जिन क्रशरों ने नियमों का उल्लंघन किया है, उनकी मशीनरी जब्त कर उनके परिसर को सील करें।


यह आदेश हंदूर पर्यावरण मित्र संस्था द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। याचिका में संस्था ने नालागढ़ क्षेत्र में अवैध खनन और प्रदूषण को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि स्टोन-क्रशर मालिक माइनिंग लीज की आड़ में अवैध माइनिंग कर रहे हैं, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकारी राजस्व को भी करोड़ों का घाटा हो रहा है।


ग्रामीणों का आरोप है कि स्टोन-क्रशर मालिक नदियों में बड़े-बड़े गड्ढे करके खनन कर रहे हैं, जिससे आसपास की जमीन बंजर हो रही है। स्कूली बच्चों और ग्रामीणों का नदी पार करना मुश्किल हो गया है। पंजेहरा और नवग्राम जैसे गांवों में क्रशरों का वेस्ट नदी में फेंका जा रहा है, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है।


याचिका में बताया गया कि नालागढ़ क्षेत्र में अंधाधुंध खनन के चलते भूमिगत जल स्तर गिरता जा रहा है। नदी के किनारे स्थित सरकारी ट्यूबवेल और कुएं सूखने लगे हैं, जिससे 50,000 से अधिक लोगों की पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।


कोर्ट ने सोलन के डीसी और बद्दी के एसपी को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को कार्रवाई में सहयोग करने के निर्देश दिए। अदालत ने यह भी कहा कि अगर नियमों का उल्लंघन हुआ है तो केवल जुर्माने से काम नहीं चलेगा, बल्कि कठोर दंडात्मक कार्रवाई करनी होगी।


इस आदेश से नालागढ़ के ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों को राहत मिलने की उम्मीद है। कोर्ट के इस फैसले ने यह साफ संदेश दिया है कि अवैध माइनिंग और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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