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सोशल मीडिया पर दोस्ती कर गिफ्ट भेजने के नाम पर ठगने वाले हाईटेक गिरोह का पर्दाफाश

सिरोही । सोशल मीडिया पर दोस्ती कर लोगों के साथ ठगी करने वाले एक विदेशी गिरोह का आबूरोड सदर थाना पुलिस ने साईबर सैल के सहयोग से खुलासा किया है। पुलिस ने दिल्ली में रहकर ठगी करने वाले इस हाईटेक गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी महंगे गिफ्ट भेजने के नाम पर ठगी किया करते है।
सिरोही एसपी ममता गुप्ता ने बताया कि आबूरोड शहर थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने 24 अप्रैल को पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि फेसबुक के जरिए उसकी अली अयान नामक महिला से दोस्ती हुई। जिसने अपने आपको न्यूजीलैंड निवासी बताया था। उनकी व्हाट्सएप एवं फेसबुक पर बातें होती रही। बाद में विदेश से महंगे गिफ्ट भेजने, गिफ्ट समेत ईडी द्वारा पकड़े जाने व ईडी अधिकारियों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल भेजने की धमकी देकर 16 लाख रुपये की ठगी करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज किया गया। साइबर अपराध की इस घटना को ट्रेस आउट करने एसपी गुप्ता द्वारा थानाधिकारी आबूरोड सदर सरोज बैरवा व प्रभारी साइबर सेल करणी दान के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। तकनीकी विश्लेषण एवं आसूचना संकलन में इस घटना में नाइजीरियन एवं उत्तर पूर्व भारत के लोगों की गैंग का हाथ होने के इनपुट मिलने पर विशेष टीम द्वारा दिल्ली से अभियुक्तों को तकनीकी आधार पर ट्रेस आउट कर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गई।
मेघालय की ठग महिला व नाइजीरियन युवक गिरफ्तार
पुलिस ने फातिमा लिंगदोह पुत्री जोसेफमो वहलंग (42) निवासी थाना मोवलाई जिला खासी हिल्स राज्य मेघालय एवं एक्ने बेंजामिन पुत्र ओन्युकुल (32) निवासी नाइजीरिया को थाना मोहन गार्डन दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
ठगने के लिये हाईटेक टेक्नोलॉजी का प्रयोग
गिरफ्तार किये गये इन ठगों का गिरोह ठगी के लिए हाईटेक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हैं। लोगों से ठगे रुपए ट्रांसफर करने के लिए गरीब अनपढ़ लोगों को सरकारी योजनाओं का झांसा देकर खाता खुलवाते हैं। जिससे उनके बारे में कोई विशेष जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाती। पूछताछ में अभियुक्तों ने अलग-अलग राज्यों में लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की वारदात करना कबूल किया है।
ऐसे देते है ठगी की वारदात को अंजाम
आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि पर विदेशी नागरिक की फर्जी प्रोफाइल बना लेते थे। फ्रेंड रिक्वेस्ट कर दोस्ती कर उनके बारे में सारी बाते जान लेते। उसके बाद महंगे गिफ्ट भेजने का झांसा देते थे। शिकार को महंगा गिफ्ट आइटम मात्र कस्टम ड्यूटी देकर लेने को कहते।
यहीं से शुरू होता है इनका ठगी का असली खेल।
फिर इसी गिरोह का दूसरा व्यक्ति कस्टम अधिकारी या ईडी अधिकारी बन पीड़ित को फोन कर।विदेश से गिफ्ट बिना कस्टम ड्यूटी चुकाये मंगाना मनी लॉंड्रिंग की श्रेणी में आना बताते है। कस्टम ड्यूटी जमा नहीं करने पर जेल जाने का डर दिखाया जाता। डर से कई लोग आरोपियों को पैसे दे देते थे।
सिरोही एसपी ममता गुप्ता ने बताया कि आबूरोड शहर थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने 24 अप्रैल को पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि फेसबुक के जरिए उसकी अली अयान नामक महिला से दोस्ती हुई। जिसने अपने आपको न्यूजीलैंड निवासी बताया था। उनकी व्हाट्सएप एवं फेसबुक पर बातें होती रही। बाद में विदेश से महंगे गिफ्ट भेजने, गिफ्ट समेत ईडी द्वारा पकड़े जाने व ईडी अधिकारियों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल भेजने की धमकी देकर 16 लाख रुपये की ठगी करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज किया गया। साइबर अपराध की इस घटना को ट्रेस आउट करने एसपी गुप्ता द्वारा थानाधिकारी आबूरोड सदर सरोज बैरवा व प्रभारी साइबर सेल करणी दान के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। तकनीकी विश्लेषण एवं आसूचना संकलन में इस घटना में नाइजीरियन एवं उत्तर पूर्व भारत के लोगों की गैंग का हाथ होने के इनपुट मिलने पर विशेष टीम द्वारा दिल्ली से अभियुक्तों को तकनीकी आधार पर ट्रेस आउट कर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गई।
मेघालय की ठग महिला व नाइजीरियन युवक गिरफ्तार
पुलिस ने फातिमा लिंगदोह पुत्री जोसेफमो वहलंग (42) निवासी थाना मोवलाई जिला खासी हिल्स राज्य मेघालय एवं एक्ने बेंजामिन पुत्र ओन्युकुल (32) निवासी नाइजीरिया को थाना मोहन गार्डन दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
ठगने के लिये हाईटेक टेक्नोलॉजी का प्रयोग
गिरफ्तार किये गये इन ठगों का गिरोह ठगी के लिए हाईटेक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हैं। लोगों से ठगे रुपए ट्रांसफर करने के लिए गरीब अनपढ़ लोगों को सरकारी योजनाओं का झांसा देकर खाता खुलवाते हैं। जिससे उनके बारे में कोई विशेष जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाती। पूछताछ में अभियुक्तों ने अलग-अलग राज्यों में लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की वारदात करना कबूल किया है।
ऐसे देते है ठगी की वारदात को अंजाम
आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि पर विदेशी नागरिक की फर्जी प्रोफाइल बना लेते थे। फ्रेंड रिक्वेस्ट कर दोस्ती कर उनके बारे में सारी बाते जान लेते। उसके बाद महंगे गिफ्ट भेजने का झांसा देते थे। शिकार को महंगा गिफ्ट आइटम मात्र कस्टम ड्यूटी देकर लेने को कहते।
यहीं से शुरू होता है इनका ठगी का असली खेल।
फिर इसी गिरोह का दूसरा व्यक्ति कस्टम अधिकारी या ईडी अधिकारी बन पीड़ित को फोन कर।विदेश से गिफ्ट बिना कस्टम ड्यूटी चुकाये मंगाना मनी लॉंड्रिंग की श्रेणी में आना बताते है। कस्टम ड्यूटी जमा नहीं करने पर जेल जाने का डर दिखाया जाता। डर से कई लोग आरोपियों को पैसे दे देते थे।
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