स्वास्थ्य सेवाएं बदहालः IIFA के 100 करोड़ अस्पतालों को मिलते तो जनता को राहत मिलती- अशोक गहलोत

गहलोत ने IIFA कार्यक्रम पर खर्च किए गए 100 करोड़ रुपए पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर यह राशि सरकारी अस्पतालों को मिलती तो जनता को ज्यादा राहत मिलती। उन्होंने कहाकि सरकार को इवेंट मैनेजमेंट की जगह जनता की स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए। गहलोत ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी, डॉक्टरों की कमी और अन्य सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आम जनता को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है, जो उनकी जेब पर भारी पड़ रहा है।
गहलोत ने राज्य सरकार पर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार को जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है और वे केवल इवेंट मैनेजमेंट में व्यस्त हैं। गहलोत के इस बयान ने राजस्थान की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा ने गहलोत के आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
गहलोत के बयान से राज्य की जनता में चिंता बढ़ गई है। वे सरकार से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की मांग कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार गहलोत के आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाती है।
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