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स्वास्थ्य मंत्री एसबीएस नगर से करेंगे तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ
चंडीगढ़। राज्य को वाइल्ड पोलियो वायरस से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह रविवार को जिला शहीद भगत सिंह नगर से तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत करेंगे। वर्ष 2023 के लिए पल्स पोलियो अभियान 28 मई से 30 मई तक पंजाब के 12 जिलों में चलाया जाएगा।
पल्स पोलियो अभियान के महत्व को समझाते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि हालांकि 2010 के बाद से वाइल्ड पोलियो वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। पोलियो का आखिरी मामला अक्टूबर 2009 में लुधियाना में दर्ज किया गया था। लेकिन, फिर भी पंजाब अपने पड़ोसी देशों विशेष रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान से पोलियो वायरस के आने की संभावना के कारण उच्च जोखिम में है। यही कारण है कि प्रदेश में समय-समय पर पोलियो अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पोलियो वायरस के आने की संभावना का जोखिम इसलिए बढ़ जाता है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में पड़ोसी देश पाकिस्तान से पोलियो के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। भारत-पाक सीमा पार करने वाले व्यक्तियों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने के लिए अटारी बॉर्डर पर पहले से ही ट्रांजि़ट टीमों की तैनाती की जा चुकी है। इ
सी तरह, करतारपुर कॉरिडोर खुलने पर डेरा बाबा नानक, जि़ला गुरदासपुर चौकी में वैक्सीनेशन साइट्स स्थापित की गई हैं। डायरेक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डॉ. रविंदर पाल कौर ने बताया कि यह अभियान अमृतसर, बठिंडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फतेहगढ़ साहिब, मानसा, श्री मुक्तसर साहिब, मोगा, पठानकोट, पटियाला, एसबीएस नगर और तरन तारन सहित 12 जि़लों में चलाया जाएगा। पहले दिन बूथ स्थापित किए जाएंगे और बाकी दो दिनों में घर-घर जाकर दवा पिलाई जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के पास इस अभियान में पाँच वर्ष तक की आयु के 14,83,072 बच्चों को कवर करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए 7054 बूथ स्थापित किए जाएंगे, 13136 घर-घर दौरा करने वाली टीमों, 334 मोबाइल टीमों और 279 ट्रांजि़ट टीमों का गठन किया गया है, इसके अलावा कुल 27109 पोलियो की दवा पिलाने वाले तैनात किए गए हैं. 1335 सुपरवाइजर, पोलियो की दवा पिलाने वालों के काम की निगरानी करेंगे। टीमें 5109 उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों का भी दौरा करेंगी, जिनमें 2107 स्लम, 132 निर्माण स्थल, 902 खानाबदोश स्थल, 132 ईंट भ_े और 729 अन्य स्थल शामिल हैं।
पल्स पोलियो अभियान के महत्व को समझाते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि हालांकि 2010 के बाद से वाइल्ड पोलियो वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। पोलियो का आखिरी मामला अक्टूबर 2009 में लुधियाना में दर्ज किया गया था। लेकिन, फिर भी पंजाब अपने पड़ोसी देशों विशेष रूप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान से पोलियो वायरस के आने की संभावना के कारण उच्च जोखिम में है। यही कारण है कि प्रदेश में समय-समय पर पोलियो अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पोलियो वायरस के आने की संभावना का जोखिम इसलिए बढ़ जाता है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में पड़ोसी देश पाकिस्तान से पोलियो के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। भारत-पाक सीमा पार करने वाले व्यक्तियों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने के लिए अटारी बॉर्डर पर पहले से ही ट्रांजि़ट टीमों की तैनाती की जा चुकी है। इ
सी तरह, करतारपुर कॉरिडोर खुलने पर डेरा बाबा नानक, जि़ला गुरदासपुर चौकी में वैक्सीनेशन साइट्स स्थापित की गई हैं। डायरेक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डॉ. रविंदर पाल कौर ने बताया कि यह अभियान अमृतसर, बठिंडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फतेहगढ़ साहिब, मानसा, श्री मुक्तसर साहिब, मोगा, पठानकोट, पटियाला, एसबीएस नगर और तरन तारन सहित 12 जि़लों में चलाया जाएगा। पहले दिन बूथ स्थापित किए जाएंगे और बाकी दो दिनों में घर-घर जाकर दवा पिलाई जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के पास इस अभियान में पाँच वर्ष तक की आयु के 14,83,072 बच्चों को कवर करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए 7054 बूथ स्थापित किए जाएंगे, 13136 घर-घर दौरा करने वाली टीमों, 334 मोबाइल टीमों और 279 ट्रांजि़ट टीमों का गठन किया गया है, इसके अलावा कुल 27109 पोलियो की दवा पिलाने वाले तैनात किए गए हैं. 1335 सुपरवाइजर, पोलियो की दवा पिलाने वालों के काम की निगरानी करेंगे। टीमें 5109 उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों का भी दौरा करेंगी, जिनमें 2107 स्लम, 132 निर्माण स्थल, 902 खानाबदोश स्थल, 132 ईंट भ_े और 729 अन्य स्थल शामिल हैं।
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