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हरियाणा रेरा ने ओएसबी बिल्डर के बैंक खातों को फ्रीज किया, आखिर क्यों, यहां पढ़ें
गुरुग्राम, । अधिनियम 2016 के कई
उल्लंघनों को नोटिस करने के बाद, हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी
(एचआरईआरए), गुरुग्राम ने स्वत: कार्रवाई करते हुए रियल एस्टेट प्रमोटर ओशन
सेवन बिल्डटेक (ओएसबी) प्राइवेट लिमिटेड की तीन किफायती समूह आवास (एजीएच)
परियोजनाओं के बैंक खातों को तुरंत फ्रीज करने का आदेश जारी किया।
अथॉरिटी ने अकाउंट्स का फॉरेंसिक ऑडिट भी किया है और प्रमोटर को कोई भी
थर्ड पार्टी राइट्स बनाने से भी रोका है। प्राधिकरण की यह कार्रवाई टाउन
एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (डीटीसीपी), हरियाणा द्वारा तीनों परियोजनाओं के
लाइसेंस रद्द करने के मद्देनजर की गई है।
आदेश में कहा गया, "मामले का संज्ञान लेते हुए और रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 35 और 36 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, प्राधिकरण एत्वारा आबंटियों के हितों की रक्षा के लिए बैंक खातों और संबंधित परियोजनाओं से संबंधित अन्य खातों को फ्रीज करने के लिए निर्देश जारी करता है। प्राधिकरण बैंक प्रबंधक को प्राधिकरण के अगले निर्देश तक इन खातों से किसी भी निकासी की अनुमति नहीं देने का भी निर्देश देता है।"
गुरुग्राम में स्थित सभी तीन परियोजनाओं में सेक्टर 109 में 7.5 एकड़ के क्षेत्रफल के साथ एक्सप्रेसवे टावर्स, 5.4125 एकड़ के क्षेत्रफल के साथ सेक्टर 69 में गोल्फ हाइट्स और 5.10 एकड़ के क्षेत्रफल वाले सेक्टर 70 में वेनेटियन शामिल हैं।
आदेश में आगे कहा गया है, अगले आदेश तक बेची गई इकाइयों और परियोजनाओं में सभी संपत्तियों के संबंध में किसी तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने से भी रोक दिया गया है। और, परियोजनाओं के खातों का फोरेंसिक ऑडिट करने के लिए एक ऑडिटर भी नियुक्त किया जाता है और प्रमोटर को, ऑडिटर द्वारा मांगी गई अपेक्षित जानकारी तत्काल प्रदान करने का निर्देश दिया जाता है।
प्राधिकरण ने देखा कि प्रमोटर ने एचआरईआरए के साथ परियोजनाओं के पंजीकरण के समय से परियोजनाओं की त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट (क्यूपीआर) प्रस्तुत नहीं की, जो हरियाणा रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम, 2017 के नियम 14(1)(डी) के साथ पठित अधिनियम 2016 की धारा 11(1) का स्पष्ट उल्लंघन है।
आदेश में कहा गया है, इसके अलावा, प्रमोटर ने आज तक परियोजनाओं के वार्षिक लेखापरीक्षित खातों को जमा नहीं करके अधिनियम 2016 की धारा 4 (2) (एल) (डी) के प्रावधानों का पालन नहीं किया है।
प्राधिकरण ने पाया कि प्रमोटर ने उन शर्तो का उल्लंघन किया है, जिन पर परियोजनाओं के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) जारी किए गए थे।
आरसी की शर्तो के अनुसार, प्रमोटर को तीन महीने के भीतर पर्यावरण मंजूरी, अग्नि योजना अनुमोदन, हवाईअड्डे की ऊंचाई की मंजूरी, वन मंजूरी एनओसी, अनुमोदित सेवा योजना और अनुमान से संबंधित दस्तावेज जमा करना अनिवार्य था लेकिन प्रमोटर ने इनमें से किसी भी शर्त का पालन नहीं किया।
प्रमोटर को क्रमश: 2016, 2018 और 2019 के बाद के वर्षो में आरसी जारी किए गए थे।
आदेश में कहा गया है, "लगातार उल्लंघनों के मद्देनजर, यह स्पष्ट है कि प्रमोटर न केवल अधिनियम 2016 के तहत अपने दायित्वों के निर्वहन में चूक कर रहा है, बल्कि हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्रों के विनियमन अधिनियम, 1975 के प्रावधानों का भी उल्लंघन कर रहा है। और, प्राधिकरण आवंटियों के हितों की रक्षा के लिए कर्तव्यबद्ध है और यह सुनिश्चित करता है कि हर कोई अधिनियमों का पालन करे।"
--आईएएनएस
आदेश में कहा गया, "मामले का संज्ञान लेते हुए और रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 35 और 36 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, प्राधिकरण एत्वारा आबंटियों के हितों की रक्षा के लिए बैंक खातों और संबंधित परियोजनाओं से संबंधित अन्य खातों को फ्रीज करने के लिए निर्देश जारी करता है। प्राधिकरण बैंक प्रबंधक को प्राधिकरण के अगले निर्देश तक इन खातों से किसी भी निकासी की अनुमति नहीं देने का भी निर्देश देता है।"
गुरुग्राम में स्थित सभी तीन परियोजनाओं में सेक्टर 109 में 7.5 एकड़ के क्षेत्रफल के साथ एक्सप्रेसवे टावर्स, 5.4125 एकड़ के क्षेत्रफल के साथ सेक्टर 69 में गोल्फ हाइट्स और 5.10 एकड़ के क्षेत्रफल वाले सेक्टर 70 में वेनेटियन शामिल हैं।
आदेश में आगे कहा गया है, अगले आदेश तक बेची गई इकाइयों और परियोजनाओं में सभी संपत्तियों के संबंध में किसी तीसरे पक्ष के अधिकार बनाने से भी रोक दिया गया है। और, परियोजनाओं के खातों का फोरेंसिक ऑडिट करने के लिए एक ऑडिटर भी नियुक्त किया जाता है और प्रमोटर को, ऑडिटर द्वारा मांगी गई अपेक्षित जानकारी तत्काल प्रदान करने का निर्देश दिया जाता है।
प्राधिकरण ने देखा कि प्रमोटर ने एचआरईआरए के साथ परियोजनाओं के पंजीकरण के समय से परियोजनाओं की त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट (क्यूपीआर) प्रस्तुत नहीं की, जो हरियाणा रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम, 2017 के नियम 14(1)(डी) के साथ पठित अधिनियम 2016 की धारा 11(1) का स्पष्ट उल्लंघन है।
आदेश में कहा गया है, इसके अलावा, प्रमोटर ने आज तक परियोजनाओं के वार्षिक लेखापरीक्षित खातों को जमा नहीं करके अधिनियम 2016 की धारा 4 (2) (एल) (डी) के प्रावधानों का पालन नहीं किया है।
प्राधिकरण ने पाया कि प्रमोटर ने उन शर्तो का उल्लंघन किया है, जिन पर परियोजनाओं के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) जारी किए गए थे।
आरसी की शर्तो के अनुसार, प्रमोटर को तीन महीने के भीतर पर्यावरण मंजूरी, अग्नि योजना अनुमोदन, हवाईअड्डे की ऊंचाई की मंजूरी, वन मंजूरी एनओसी, अनुमोदित सेवा योजना और अनुमान से संबंधित दस्तावेज जमा करना अनिवार्य था लेकिन प्रमोटर ने इनमें से किसी भी शर्त का पालन नहीं किया।
प्रमोटर को क्रमश: 2016, 2018 और 2019 के बाद के वर्षो में आरसी जारी किए गए थे।
आदेश में कहा गया है, "लगातार उल्लंघनों के मद्देनजर, यह स्पष्ट है कि प्रमोटर न केवल अधिनियम 2016 के तहत अपने दायित्वों के निर्वहन में चूक कर रहा है, बल्कि हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्रों के विनियमन अधिनियम, 1975 के प्रावधानों का भी उल्लंघन कर रहा है। और, प्राधिकरण आवंटियों के हितों की रक्षा के लिए कर्तव्यबद्ध है और यह सुनिश्चित करता है कि हर कोई अधिनियमों का पालन करे।"
--आईएएनएस
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