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मनोहर सरकार के शासन में हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन: अशोक बुवानीवाला

गुरुग्राम। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने कहा है कि मनोहर सरकार भले ही जी-20 की बैठक को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है। लेकिन, युवाओं को रोजगार के दावों और हकीकत की पोल खुल रही है। फरवरी-2023 में हुए सर्वेक्षण में हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन आया है।
बुवानीवाला ने कहाकि गूगल पर सर्च करेेंगे कि देश में कौन सा राज्य बेरोजगारी में नंबर एक पर है तो स्क्रीन पर जवाब मिलेगा-हरियाणा। सूचना एवं प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक इस्तेमाल करने वाली भाजपा सरकार के रोजगार देने के दावों की इन आंकड़ों ने पोल खोल दी है। फरवरी-2023 की बेरोजगारी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि हमारे यहां स्थिति बहुत खराब है।
हरियाणा में बेरोजगारी दर 29.4 प्रतिशत बताई गई है। जबकि आंध्र प्रदेश में 6.6 प्रतिशत, आसाम में 8.6 प्रतिशत, बिहार में 12.3 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 0.8 प्रतिशत, दिल्ली में 8.6 प्रतिशत, गोवा में 11.1 प्रतिशत, गुजरात में 2.5 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 13.9 प्रतिशत, जम्मू एंड कश्मीर में 17.4 प्रतिशत, झारखंड में 16.8 प्रतिशत, कर्नाटक में 2.5 प्रतिशत, केरल में 5.6 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 2.0 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 5.6 प्रतिशत, मेघालय में 4.1 प्रतिशत, ओडिशा में 2.1 प्रतिशत, पुद्दुचेरी में 2.2 प्रतिशत, पंजाब में 8.2 प्रतिशत, राजस्थान में 28.2 प्रतिशत, सिक्किम में 21.0 प्रतिशत, तमिलनाडू में 3.0 प्रतिशत, तेलंगाना में 5.8 प्रतिशत, त्रिपुरा में 11.7 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 4.0 प्रतिशत, उत्तराखंड में 2.3 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 4.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर सामने आई है। इस तरह से बेरोजगारी की इस सूची में हरियाणा सबसे ऊपर यानि पहले नंबर पर है।
अशोक बुवानीवाला ने कहा कि पहले भी एक बार हरियाणा में बेरोजगारी को लेकर सूची जारी हुई थी। तब मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनके मंत्रियों ने सवाल खड़े किए थे। इस बार की सूची में हरियाणा बेरोजगारी में नंबर-एक पर है। सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए कि आखिर हरियाणा में ऐसी स्थिति क्यों है। जब सरकार लाखों युवाओं को रोजगार देने के दावे करती है तो फिर बेरोजगारी कम क्यों नहीं होती। बुवानीवाला ने कहा कि जिस तरह से हरियाणा सरकार ने बजट में आंकड़ों की बाजीगरी दिखाई है, ऐसे ही सरकार रोजगार देने के आंकड़ों में भी बाजीगरी ही करती है। सरकार के दावे हकीकत से कोसों दूर है।
बुवानीवाला ने कहाकि गूगल पर सर्च करेेंगे कि देश में कौन सा राज्य बेरोजगारी में नंबर एक पर है तो स्क्रीन पर जवाब मिलेगा-हरियाणा। सूचना एवं प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक इस्तेमाल करने वाली भाजपा सरकार के रोजगार देने के दावों की इन आंकड़ों ने पोल खोल दी है। फरवरी-2023 की बेरोजगारी के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि हमारे यहां स्थिति बहुत खराब है।
हरियाणा में बेरोजगारी दर 29.4 प्रतिशत बताई गई है। जबकि आंध्र प्रदेश में 6.6 प्रतिशत, आसाम में 8.6 प्रतिशत, बिहार में 12.3 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 0.8 प्रतिशत, दिल्ली में 8.6 प्रतिशत, गोवा में 11.1 प्रतिशत, गुजरात में 2.5 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 13.9 प्रतिशत, जम्मू एंड कश्मीर में 17.4 प्रतिशत, झारखंड में 16.8 प्रतिशत, कर्नाटक में 2.5 प्रतिशत, केरल में 5.6 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 2.0 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 5.6 प्रतिशत, मेघालय में 4.1 प्रतिशत, ओडिशा में 2.1 प्रतिशत, पुद्दुचेरी में 2.2 प्रतिशत, पंजाब में 8.2 प्रतिशत, राजस्थान में 28.2 प्रतिशत, सिक्किम में 21.0 प्रतिशत, तमिलनाडू में 3.0 प्रतिशत, तेलंगाना में 5.8 प्रतिशत, त्रिपुरा में 11.7 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 4.0 प्रतिशत, उत्तराखंड में 2.3 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 4.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर सामने आई है। इस तरह से बेरोजगारी की इस सूची में हरियाणा सबसे ऊपर यानि पहले नंबर पर है।
अशोक बुवानीवाला ने कहा कि पहले भी एक बार हरियाणा में बेरोजगारी को लेकर सूची जारी हुई थी। तब मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनके मंत्रियों ने सवाल खड़े किए थे। इस बार की सूची में हरियाणा बेरोजगारी में नंबर-एक पर है। सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए कि आखिर हरियाणा में ऐसी स्थिति क्यों है। जब सरकार लाखों युवाओं को रोजगार देने के दावे करती है तो फिर बेरोजगारी कम क्यों नहीं होती। बुवानीवाला ने कहा कि जिस तरह से हरियाणा सरकार ने बजट में आंकड़ों की बाजीगरी दिखाई है, ऐसे ही सरकार रोजगार देने के आंकड़ों में भी बाजीगरी ही करती है। सरकार के दावे हकीकत से कोसों दूर है।
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