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हरियाणा में एचआईवी/एड्स नियंत्रण के लिए नए राज्य नियम लागू, लोकपाल नियुक्ति का प्रावधान

राज्य सरकार नैदानिक सुविधाओं को मजबूत करने और संक्रमणों, अर्थात् ऐसे संक्रमण जो प्रतिरक्षा को कम कर सकते हैं, के प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करेगी।यह उप-स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, नागरिक अस्पतालों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों सहित सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क नैदानिक सेवाएँ प्रदान करेगी।
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार, एआरटी केंद्रों, सुविधा-एकीकृत एआरटी (एफआईएआरटी) केंद्रों और लिंक एआरटी (एलएआरटी) केंद्रों पर सभी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को निःशुल्क एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) दवाएं उपलब्ध कराई जाएँगी।
सरकार एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को नैदानिक और उपचार सेवाएँ प्रदान करने में निजी चिकित्सा क्षेत्र को भी सक्रिय रूप से शामिल करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सेवाएँ बिना किसी भेदभाव के प्रदान की जाएँ। निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया जाएगा कि वे सभी एचआईवी पॉजिटिव मामलों की सूचना निकटतम एकीकृत परामर्श एवं परीक्षण केंद्र या सरकारी अस्पताल को आगे के प्रबंधन और उपचार के लिए दें, साथ ही निजता के अधिकार सहित व्यक्तियों के मानवाधिकारों का भी कड़ाई से पालन करें।
इसके अतिरिक्त, राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप, सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमणों के निदान और उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया जाएगा।
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