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हार्दिक पटेल 30 दिसंबर को कुशीनगर में
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में बंद पड़ी 6 चीनी मिलों को चालू कराने के लिए शुरू आंदोलन को गति देने के लिए गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल पहुंचेंगे। वह 30 दिसंबर को बुद्धा पार्क में आयोजित किसान दिवस समारोह में अपनी बात रखेंगे।
अखिल भारतीय नवनिर्माण पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ललिता कटियार ने बताया कि कुशीनगर जनपद में 6 चीनी मिलों के बंद होने के कारण किसान बदहाली का शिकार हो गया है। उन्होंने कहा कि यहां की मुख्य फसल गन्ना है, लेकिन मिलें बंद होने से किसानों के सामने भुखमरी की समस्या आ गई है। मिलों के चालू होने तक आंदोलन जारी रखेगा।
ललिता कटियार ने पडरौना नगर के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि किसान दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हार्दिक पटेल होंगे। उनकी बातें सुनने के लिए बड़ी संख्या में युवओं के जुटने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि जनपद में कभी आठ चीनी मिलें गन्ना पेराई का कार्य करती थीं, जिससे किसान खुशहाल थे। वहीं हजारों मजदूरों की रोजी-रोटी भी चलती थी, लेकिन वर्तमान समय में पडरौना, रामकोला खेतान, छितौनी, लक्ष्मीगंज की चीनी मिलें बंद पड़ी हुई हैं। सिर्फ रामकोला पंजाब, कप्तानगंज, ढांडा, सेवरही मात्र चार ही मिले चालू है।
ललिता ने कहा कि बंद मिलों पर किसानों के करोड़ों रुपये बकाया हैं। यहां की मुख्य फसल गन्ना होने के कारण किसानों ने गन्ना का पैदावार कम कर दिया है। धान, गेहूं से उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है।
--आईएएनएस
अखिल भारतीय नवनिर्माण पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ललिता कटियार ने बताया कि कुशीनगर जनपद में 6 चीनी मिलों के बंद होने के कारण किसान बदहाली का शिकार हो गया है। उन्होंने कहा कि यहां की मुख्य फसल गन्ना है, लेकिन मिलें बंद होने से किसानों के सामने भुखमरी की समस्या आ गई है। मिलों के चालू होने तक आंदोलन जारी रखेगा।
ललिता कटियार ने पडरौना नगर के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि किसान दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हार्दिक पटेल होंगे। उनकी बातें सुनने के लिए बड़ी संख्या में युवओं के जुटने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि जनपद में कभी आठ चीनी मिलें गन्ना पेराई का कार्य करती थीं, जिससे किसान खुशहाल थे। वहीं हजारों मजदूरों की रोजी-रोटी भी चलती थी, लेकिन वर्तमान समय में पडरौना, रामकोला खेतान, छितौनी, लक्ष्मीगंज की चीनी मिलें बंद पड़ी हुई हैं। सिर्फ रामकोला पंजाब, कप्तानगंज, ढांडा, सेवरही मात्र चार ही मिले चालू है।
ललिता ने कहा कि बंद मिलों पर किसानों के करोड़ों रुपये बकाया हैं। यहां की मुख्य फसल गन्ना होने के कारण किसानों ने गन्ना का पैदावार कम कर दिया है। धान, गेहूं से उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है।
--आईएएनएस
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