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हमीरपुर में ही भाजपा की वंशवादी राजनीति की अग्नि परीक्षा
हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा सांसद और राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय क्रिकेट संस्थाओं के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को अपनी पार्टी के गढ़ हमीरपुर संसदीय सीट से अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा। तीन बार सांसद रह चुके ठाकुर, कांग्रेस से मिल रही कड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं।
पिछले 30 वर्षो में केवल एक बार इस सीट पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस ने पूर्व एथलीट और पांच बार विधायक रह चुके रामलाल ठाकुर को पूर्व बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर के खिलाफ मैदान में उतारा है।
भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष रहे 44 वर्षीय अनुराग ठाकुर ने आईएएनएस को बताया, "पिछले एक साल से मैं केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही ध्यान दे रहा हूं। मैं संसद सत्र के वक्त को छोड़कर बाकी पूरे समय निर्वाचन क्षेत्र में रहा और लोगों से मुलाकात की। संसद सत्र में मेरी 85 फीसदी से ज्यादा उपस्थिति है।"
राज्य की तीन अन्य सीटों शिमला (आरक्षित), कांगड़ा और मंडी के मुकाबले इस सीट पर ज्यादा आक्रामक तरीके से प्रचार अभियान चल रहा है।
पिछली छह कांग्रेस सरकारों का नेतृत्व कर चुके व 'राजा साहब' के नाम से प्रसिद्ध वीरभद्र सिंह भाजपा से यह सीट छीनने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं।
ठीक उसकी तरह उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रेम कुमार धूमल अपना अधिकांस वक्त और ऊर्जा इसी क्षेत्र में लगा रहे हैं, ताकि सुनिश्चित कर सकें कि उनका बेटा चौथी बार यहां से सांसद बन जाए।
पिछले 30 वर्षो में केवल एक बार इस सीट पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस ने पूर्व एथलीट और पांच बार विधायक रह चुके रामलाल ठाकुर को पूर्व बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर के खिलाफ मैदान में उतारा है।
भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष रहे 44 वर्षीय अनुराग ठाकुर ने आईएएनएस को बताया, "पिछले एक साल से मैं केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में ही ध्यान दे रहा हूं। मैं संसद सत्र के वक्त को छोड़कर बाकी पूरे समय निर्वाचन क्षेत्र में रहा और लोगों से मुलाकात की। संसद सत्र में मेरी 85 फीसदी से ज्यादा उपस्थिति है।"
राज्य की तीन अन्य सीटों शिमला (आरक्षित), कांगड़ा और मंडी के मुकाबले इस सीट पर ज्यादा आक्रामक तरीके से प्रचार अभियान चल रहा है।
पिछली छह कांग्रेस सरकारों का नेतृत्व कर चुके व 'राजा साहब' के नाम से प्रसिद्ध वीरभद्र सिंह भाजपा से यह सीट छीनने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं।
ठीक उसकी तरह उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रेम कुमार धूमल अपना अधिकांस वक्त और ऊर्जा इसी क्षेत्र में लगा रहे हैं, ताकि सुनिश्चित कर सकें कि उनका बेटा चौथी बार यहां से सांसद बन जाए।
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