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गुरुग्राम : अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 14 गिरफ्तार

गुरुग्राम। साइबर क्राइम थाने की एक टीम ने गुरुग्राम जिले में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात तीन महिलाओं और कॉल सेंटर के मालिक समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। फर्जी कॉल सेंटर सेक्टर-49 में यूनिवर्सल ट्रेड टॉवर से संचालित हो रहा था। फर्जी कॉल सेंटर ने तकनीकी सहायता के नाम पर अमेरिकी नागरिकों को धोखा दिया और उपहार कार्ड, अमेजन, पेपैल और कैश ऐप के माध्यम से सर्विस शुल्क के रूप में 100 डॉलर से 500 डॉलर का शुल्क वसूला।
संदिग्धों की पहचान कॉल सेंटर संचालक आदित्य, आकाश सेन, सूरज मिश्रा, आयुष सक्सेना, हेमंत शर्मा, संजीव शुक्ला, अजय कुमार, आशुतोष शर्मा, पंकज कुमार, तुषार कुमार, राजदीप दास गुप्ता, देविका और मनीषा के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान, आरोपी ने खुलासा किया कि कॉल सेंटर के मालिक आदित्य सिंह ने शेष संदिग्धों को ग्राहक सर्विस के लिए वेतन/कमीशन पर रखा था। पुलिस ने कहा कि कर्मचारी कॉल सेंटरों में कार्यरत थे, जो बिना अनुमति के संचालित किया जा रहा था। इसके अलावा, कॉल सेंटर के पास दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा जारी कोई लाइसेंस नहीं था।
कॉल सेंटर के संचालक आदित्य सिंह ने खुलासा किया कि वह और उसके सभी साथी आरईएएल पीबीएक्स डीएआईएलईआर (डायलर) के माध्यम से टोल-फ्री नंबर पर आने वाली कॉल को अलग-अलग तरीके से सुनते थे। वे अलग-अलग ऑर्डर लेने के बाद ऑर्डर कैंसिल करने की बात कहकर ग्राहकों के लिए परेशानी खड़ी करते थे और फिर उसी समस्या का समाधान करने के नाम पर उनसे ठगी करते थे। ठगी के बाद टोल फ्री नंबर भी बदल लेते थे।
रिपोर्ट के अनुसार, सभी आरोपियों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन और 14 लैपटॉप बरामद किए गए हैं। इस मामले के संबंध में, आगे की जांच के लिए साइबर अपराध पुलिस स्टेशन (पूर्व) में आईटी अधिनियम सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
--आईएएनएस
संदिग्धों की पहचान कॉल सेंटर संचालक आदित्य, आकाश सेन, सूरज मिश्रा, आयुष सक्सेना, हेमंत शर्मा, संजीव शुक्ला, अजय कुमार, आशुतोष शर्मा, पंकज कुमार, तुषार कुमार, राजदीप दास गुप्ता, देविका और मनीषा के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान, आरोपी ने खुलासा किया कि कॉल सेंटर के मालिक आदित्य सिंह ने शेष संदिग्धों को ग्राहक सर्विस के लिए वेतन/कमीशन पर रखा था। पुलिस ने कहा कि कर्मचारी कॉल सेंटरों में कार्यरत थे, जो बिना अनुमति के संचालित किया जा रहा था। इसके अलावा, कॉल सेंटर के पास दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा जारी कोई लाइसेंस नहीं था।
कॉल सेंटर के संचालक आदित्य सिंह ने खुलासा किया कि वह और उसके सभी साथी आरईएएल पीबीएक्स डीएआईएलईआर (डायलर) के माध्यम से टोल-फ्री नंबर पर आने वाली कॉल को अलग-अलग तरीके से सुनते थे। वे अलग-अलग ऑर्डर लेने के बाद ऑर्डर कैंसिल करने की बात कहकर ग्राहकों के लिए परेशानी खड़ी करते थे और फिर उसी समस्या का समाधान करने के नाम पर उनसे ठगी करते थे। ठगी के बाद टोल फ्री नंबर भी बदल लेते थे।
रिपोर्ट के अनुसार, सभी आरोपियों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन और 14 लैपटॉप बरामद किए गए हैं। इस मामले के संबंध में, आगे की जांच के लिए साइबर अपराध पुलिस स्टेशन (पूर्व) में आईटी अधिनियम सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
--आईएएनएस
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