MDU स्वर्ण जयंती समारोह में राज्यपाल का आह्वान: नवाचार को बढ़ावा दें विद्यार्थी, मातृभाषा में मिले डिग्री

एमडीयू के कुलाधिपति दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय परिवार को 50 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पूरी करने पर बधाई दी और एमडीयू की स्वर्णिम विरासत को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती के नाम पर विश्वविद्यालय का नाम होना गर्व की बात है और युवा पीढ़ी को उनके विचारों को आत्मसात करना चाहिए।
राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति को "गेम चेंजर" बताते हुए इसके तेजी से कार्यान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने एमडीयू के कार्यों और उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि एमडीयू के पूर्व छात्र शिक्षा, खेल, संस्कृति और देश सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उच्च पदों पर कार्यरत हैं।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने एमडीयू की 50 वर्षों की विकास यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति ही विश्व कल्याण कर सकती है। उन्होंने 2047 तक भारत को विश्व का सबसे शक्तिशाली देश बनाने का संकल्प दोहराया। हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के अध्यक्ष कैलाश चंद्र शर्मा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए इसे उपयोगी बताया। एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला।
समारोह के प्रमुख बिंदु:
राज्यपाल ने शोध में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को अनुसंधान पुरस्कार प्रदान किए। विशिष्ट सेवाओं के लिए शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारियों, क्लास टॉपर्स, एनएसएस और वाईआरसी स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर के नीचे नवनिर्मित कैफेटेरिया का उद्घाटन किया। एमडीयू के विकास को दर्शाती एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। एमडीयू गोल्डन जुबली लोगो और एलुमनाई वेबसाइट का अनावरण किया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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