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सद्भावना : इधर शादी के सात फेरे, उधर निकाह में कबूलनामा

निशा शर्मा
चंडीगढ़। हरियाणा के कैथल जिले के ढांड कस्बे में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में सद्भावना का एक नया अध्याय लिखा गया। एक ही पांडाल में जहां हिन्दू धर्म से संबंधित युवक-युवतियों ने शादी के सात फेरे लिए, वहीं मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने वाले युवक-युवतियों ने निकाह कर एक-दूसरे को कबूल किया। इस सामूहिक विवाह समारोह की बड़ी बात यह थी कि नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए सिख समाज से आने वाले खेल मंत्री संदीप सिंह को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया।
लोगों ने इस सामूहिक विवाह समारोह के जरिए 'मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना' की झलक देखी। किसी कारणवश खेल मंत्री संदीप सिंह के इस समारोह में नहीं पहुंच पाने पर उनके भाई सरदार चरणजीत सिंह ने उनकी तरफ से सद्भावना को समर्पित इस कार्यक्रम में 5 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की। इस दौरान 11 बेटियों को शादी-निकाह के बाद खुशहाल जीवन की कामना के साथ ससुराल के लिए विदा किया गया।
इस मौके पर सरदार चरणजीत सिंह ने कहा, 'समाज में सभी अपने हैं, इस तरह के कार्यक्रमों से ही 'बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ' अभियान को गति मिलेगी।' आपसी सौहार्द व भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के मकसद से बाद में सामूहिक स्नेह भोज भी आयोजित किया गया।
चंडीगढ़। हरियाणा के कैथल जिले के ढांड कस्बे में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में सद्भावना का एक नया अध्याय लिखा गया। एक ही पांडाल में जहां हिन्दू धर्म से संबंधित युवक-युवतियों ने शादी के सात फेरे लिए, वहीं मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने वाले युवक-युवतियों ने निकाह कर एक-दूसरे को कबूल किया। इस सामूहिक विवाह समारोह की बड़ी बात यह थी कि नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए सिख समाज से आने वाले खेल मंत्री संदीप सिंह को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया।
लोगों ने इस सामूहिक विवाह समारोह के जरिए 'मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना' की झलक देखी। किसी कारणवश खेल मंत्री संदीप सिंह के इस समारोह में नहीं पहुंच पाने पर उनके भाई सरदार चरणजीत सिंह ने उनकी तरफ से सद्भावना को समर्पित इस कार्यक्रम में 5 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की। इस दौरान 11 बेटियों को शादी-निकाह के बाद खुशहाल जीवन की कामना के साथ ससुराल के लिए विदा किया गया।
इस मौके पर सरदार चरणजीत सिंह ने कहा, 'समाज में सभी अपने हैं, इस तरह के कार्यक्रमों से ही 'बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ' अभियान को गति मिलेगी।' आपसी सौहार्द व भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के मकसद से बाद में सामूहिक स्नेह भोज भी आयोजित किया गया।
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